इंदौर । मध्यप्रदेश में गणपति का ऐसा धाम है, जिसे चमत्कारी माना गया है। इस धाम में आने वाले हर भक्त की मुराद पूरी होती है। ऐसा कहा जाता है ये गणेश मंदिर मुंबई के सिद्धि विनायक की ही तरह सिद्ध है, तो आप भी जानिए गणपति के इस सिद्धधाम को..
गणपति का ये सिद्ध धाम हैं, ये गणेश की विहंगम प्रतिमा स्वयंभू मानी जाती है। इनके दरबार में भक्तों का हमेशा मेला लगा रहता है। हर दिन आस्था की गंगा बहती है। जहां आम से खास हर व्यक्ति गणपति के आगे माथा टेकता है।
ये भी पढ़ें- तमिलनाडु में कोरोना के 203 और नए मामले सामने आए, कुल मरीजों की संख्…
ये है इंदौर का प्रसिद्ध खजराना मंदिर, जिसमें गणपति अनोखे रूप में विराजमान हैं। खजराना गणेश मंदिर की तुलना मुंबई के सिद्धि विनायक गणेश मंदिर से की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि मंदिर के सामने बने पानी के कुंड से गणपति की मूर्ति निकली थी। जिसकी स्थापना होलकर राजघराने की शासक देवी अहिल्या बाई होलकर ने की। जिसके बाद 1978 में यहां रिद्धि-सिद्धि की स्थापना की गई,बाद में मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया।
ये भी पढ़ें- पिछले 24 घंटे के भीतर महाराष्ट्र में मिले 1008 नए कोरोना मरीज, एक द…
इस मंदिर में 10 छोटे बड़े अलग -अलग देवी देवताओं की प्रतिमाओं की स्थापना की गई है। सबसे पहले गणेश पूजन करने के बाद ही श्रद्धालु अन्य देवी देवताओं के मंदिर में दर्शन के लिए जाते हैं। खजराना गणेश मंदिर में बुधवार का दिन बेहद खास माना जाता है, क्योंकि इस दिन भक्तों की संख्या में बढ़ोतरी होती है। गणेश चतुर्थी और गणेश पूजा के दौरान इस मंदिर की भव्यता देखते ही बनती है।
ये भी पढ़ें- दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों की घर वापसी के लिए चलाई जाएगी ‘श्रमि…
खजराना गणपति के दर पर जो आया वो अपनी झोली भरकर ही गया, किसी को भी गणपति ने खाली हाथ नहीं भेजा। लोगों की बिगड़ी किस्मत गणपति के दर पर आकर चमकी, खजराना ने अपने भक्तों के कष्टों को हर कर उनका बेड़ा पार किया है। इसलिए दिनों दिन इस मंदिर में आने वाले भक्तों की भक्ति बढ़ रही है। खजराना के गणपति अमंगल को हर कर भक्तों का जीवन मंगलमय कर रहे हैं।