रायपुर: Shukra Gochar will Shine these Zodiac sign Luck कार्तिक माह भगवान विष्णु का प्रिय माह माना जाता हैं। यह चातुर्मास का अंतिम महीना होता है। शरद पूर्णिमा के बाद कार्तिक मास का आरंभ हो जाता है। कार्तिक मास के दौरान भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी और तुलसी की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है। इसके साथ ही कार्तिक पूर्णिमा के साथ इस मास का समापन होगा।
Shukra Gochar will Shine these Zodiac sign Luck भगवान विष्णु का कार्तिक मास सबसे खास महीना माना जाता है। इसी महीने से भगवान विष्णु योग निद्रा से जाग जाते हैं। भगवान विष्णु देवोत्थान एकादशी के दिन चार महीने की निद्रा से जाग जाते हैं। कार्तिक मास के दौरान स्नान-दान का भी विशेष महत्व माना जाता है। मान्यता है कि इस मास में पवित्र नदियों का स्नान करने के साथ दान करने से कई गुना अधिक पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही कुंडली में ग्रहों की स्थिति मजबूत होती है।
मेष –
मेष राशि वालें जातकों के आलस्य, ब्लडप्रेशर तथा श्वासरोग से पीड़ित हो सकते हैं। किसी विषय पर झूठ बोलने की स्थिति निर्मित होने से विश्वास में कमी होने की संभावना।
वृषभ –
वृषभ राशि वाले जातकों के वाणी में कटुता से संबंधों में खटास आ सकती है तथा कोर्ट में धन संबंधित विवाद की स्थिति आ सकती है। व्यर्थ की यात्रा तथा उससे विवाद एवं हानि की आशंका बन सकती हैं
मिथुन –
मिथुन राशि वाले जातकों के ऊर्जा का स्तर बहुत अच्छा रहेगा तथा काम में हुनर तथा योग्यता दिखाई देगी किंतु मन में भ्रम की स्थिति तथा इस स्थिति का लाभ विरोधियों या अपनो द्वारा भी उठाया जाकर धोखा खा सकते हैं तथा पार्टनर से विवाद हो सकता है साथ ही वातरोग से कष्ट की भी संभावना बनती है
कर्क –
कर्क राशि वालें जातक के तृतीय भाव में स्थित सूर्य, बुध और बृहस्पति से आप उत्साह पूर्वक निपुणता से कार्य करेंगे किंतु द्वितीय स्थान में स्थित राहु के कारण मनवांछित सफलता प्राप्त ना होने के कारण आर्थिक कष्ट हो सकता है तथा भाई या सहयोगी से विवाद तथा कटु वचन बोलने के कारण वैमनस्य हो सकता है। अचानक यात्रा करने से स्वास्थ्य या गले में कष्ट होने की भी आशंका।
सिंह –
सिंह राशि वाले जातक का लग्नेश सिंह दूसरे भाव में होने से शत्रु से विजय, अचानक सम्मान की प्राप्ति या दिया गया कर्ज वापस मिल सकता है। किंतु पराक्रमी तथा दुःसाहसी होने के बाद भी बारहवे राहु एवं तीसरे स्थान में शुक्र आलस्य करना आपको हानिकारक हो सकता है साथ ही अधिकारियों से विवाद या वाहन से चोट भी लग सकती है।
कन्या –
कन्या राशि वाले जातक के लग्न स्थान में स्थित बृहस्पति के कारण विद्धान तथा सुखी होता है किंतु पितृगुरूद्धेषी होने से अशुभ फल की प्राप्ति हो सकती है तथा पत्नी/ पार्टनर से विवाद की स्थिति बन सकती है
तुला –
तुला राशि वाले जातक के लग्नेश शुक्र के लग्न में होने से क्षमता के बाहर खर्च कर सकते हैं और उसके कारण अपनो से मिथ्या बोल के कारण अपमान होने की स्थिति बन सकती है साथ ही पत्नी से विवाद तथा व्यवयाय में अचानक धनहानि हो सकती है।
वृश्चिक –
इस राशि के जातक के दसम स्थान में शनि दृष्ट राहु के कारण व्यवसाय में या अध्ययन में अचानक बाधा आ सकती है किसी प्रकार के विरोध का सामना करना पड़ सकता है। शत्रु तथा शस्त्र से हानि हो सकती है
धनु –
धनु राशि वाले जातक के लग्न में स्थित मंगल से अचानक धन प्राप्ति होती है किंतु व्यसन या मित्रों के द्वारा उस धन की हानि भी हो जाती है तथा विवाद में फॅस सकते है।
मकर –
मकर राशि वाले जातकों के लग्नेश शनि एकादश स्थान में होने से धार्मिक कार्य में धन खर्च हो सकता है साथ ही मित्र तथा भाई-बहनों से अनबन हो सकती है।
कुंभ –
कुंभ राशि वालें जातकों के सप्तम स्थान में स्थित राहु से पार्टनर के उपर अविश्वास या मतभेद के कारण व्यवसाय में और आय में बाधा हो सकती है साथ ही एकादश स्थान में मंगल और चंद्रमा तथा लग्न में केतु होने से कंधे एवं खानपान के कारण गले में तथा दाॅत में तकलीफ भी संभव।
मीन –
मीन राशि वाले जातक के छठवे स्थान में स्थित राहु के कारण हानि, रोग से धन का संकट होने से पारिवारिक तथा मानसिक अशांति हो सकती है साथ ही आकस्मिक चोरी या महत्वपूर्ण वस्तु के गुम जाने से तनाव तथा माता को कष्ट हो सकता है।
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