Shree kartikeya stotram : जीवन की समस्त बाधाओं का होगा अंत, हर महीने के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को आवश्य पढ़ें श्री कार्तिकेय स्तोत्र, सभी कार्य होंगे सिद्ध, मिलेगी कामयाबी

All the obstacles in life will end, you must read Shri Kartikeya Stotra on the sixth day of Shukla Paksha of every month, all your works will be accomplished, you will get success

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  • Publish Date - August 30, 2024 / 01:12 PM IST,
    Updated On - August 30, 2024 / 01:12 PM IST

Shree kartikeya stotram : कार्तिकेय जी भगवान शिव और भगवती पार्वती के पुत्र हैं। भगवान कार्तिकेय हिंदू देवता हैं. उन्हें कई नामों से जाना जाता है, जैसे कि स्कंद, मुरुगन, सुब्रह्मण्य, और षण्मुख. वे भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र और गणेश जी के भाई हैं। भगवान कार्तिकेय की पूजा हर महीने के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को की जाती है । मां पार्वती ने स्कंदमाता का रूप धारण किया और कार्तिकेय ने तारकासुर का अंत किया ।

Shree kartikeya stotram : कार्तिकेय से जुड़ी कुछ खास बातें:
कार्तिकेय को देवताओं का प्रधान सेनापति माना जाता है ।
कार्तिकेय की पूजा मुख्य रूप से भारत के दक्षिणी राज्यों और विशेषकर तमिलनाडु में की जाती है ।
कार्तिकेय की पूजा विदेशों में भी की जाती है, जैसे कि श्रीलंका, मलेशिया, और सिंगापुर ।
कार्तिकेय को तमिल संस्कृति में बहुत लोकप्रिय माना जाता है ।
कार्तिकेय को कुमार नाम से भी जाना जाता है ।
कार्तिकेय की दो पत्नियां थीं, देवयानी और वल्ली. देवयानी को देवसेना के नाम से भी जाना जाता है ।
कार्तिकेय ने तारकासुर का वध करके देवताओं को आतंक से मुक्त कराया था ।
कार्तिकेय के नाम पर ही कार्तिक महीने का नाम रखा गया है ।

Shree kartikeya stotram : पढ़ते हैं कार्तिकेय स्तोत्र ।

स्कंद उवाच –
योगीश्वरो महासेनः कार्तिकेयोऽग्निनन्दनः।
स्कंदः कुमारः सेनानी स्वामी शंकरसंभवः॥१॥

गांगेयस्ताम्रचूडश्च ब्रह्मचारी शिखिध्वजः।
तारकारिरुमापुत्रः क्रोधारिश्च षडाननः॥२॥

शब्दब्रह्मसमुद्रश्च सिद्धः सारस्वतो गुहः।
सनत्कुमारो भगवान् भोगमोक्षफलप्रदः॥३॥
Shree kartikeya stotram
शरजन्मा गणाधीशः पूर्वजो मुक्तिमार्गकृत्।
सर्वागमप्रणेता च वांछितार्थप्रदर्शनः ॥४॥

अष्टाविंशतिनामानि मदीयानीति यः पठेत्।
प्रत्यूषं श्रद्धया युक्तो मूको वाचस्पतिर्भवेत् ॥५॥
Shree kartikeya stotram
महामंत्रमयानीति मम नामानुकीर्तनात्।
महाप्रज्ञामवाप्नोति नात्र कार्या विचारणा ॥६॥

भगवान कार्तिकेय की पूजा का मंत्र –
‘देव सेनापते स्कंद कार्तिकेय भवोद्भव।
कुमार गुह गांगेय शक्तिहस्त नमोस्तु ते॥’
Shree kartikeya stotram
कार्तिकेय गायत्री मंत्र-
‘ॐ तत्पुरुषाय विधमहे: महा सैन्या धीमहि तन्नो स्कंदा प्रचोदयात’। यह मंत्र हर प्रकार के दुख एवं कष्टों के नाश के लिए प्रभावशाली है।

शत्रु नाश के लिए पढ़ें ये मंत्र-
ॐ शारवाना-भावाया नम:
ज्ञानशक्तिधरा स्कंदा वल्लीईकल्याणा सुंदरा
देवसेना मन: कांता कार्तिकेया नामोस्तुते।

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