नई दिल्ली। Should women make prasad during periods? : इस महीने हरतालिका तीन और गणेश उत्सव जैसे त्योहार आ रहे हैं। इसमें से हरतालिका तीज के दौरान महिलाएं व्रत कर शिव जी की पूजा करती हैं। तो वहीं गणेश उत्सव में प्रसाद भी बनाती है। ऐसे में एक सवाल मन में उठता है कि अगर महिलाओं को त्योहार के समय अगर पीरियड्स आ जाते हैं तो क्या महिलाओं को प्रसाद बनाना चाहिए या नहीं..चलिए आज हम जानते हैं कि पीरियड्स के दौरान महिलाओं को प्रसाद बनाना चाहिए या नहीं..
Should women make prasad during periods? : बड़े बुजुर्गों से हम हमेशा ये बात सुनते हैं कि पीरियड्स के दौरान महिलाओं को न तो मंदिर जाना चाहिए और नही प्रसाद बनाना चाहिए। तो वहीं इस मामले में प्रेमानंद महाराज ने अपनी राय दी है। प्रेमानंद महाराज के अनुसार, शास्त्रों में इस बात का जिक्र है कि मासिक धर्म के तीन दिनों में प्रसाद नहीं बनाना चाहिए। अगर महिला ग्रहस्थ जीवन से गुजर रही है तो उसके शरीर को उस मासिक धर्म की पद्धिति से भी गुजरना पड़ेगा। प्रेमानंद महाराज आगे कहते हैं कि महिलाओं को उन तीन दिनों तक शास्त्र आज्ञा का पालन करना चाहिए और सिर्फ भगवान के नाम का जाप करना चाहिए।
प्राचीन काल से चली आ रही मान्यताओं के पीछे कोई न कोई वैज्ञानिक तथ्य अवश्य होता है। पीरियड्स के दौरान पूजा-पाठ न करने का कारण ये था कि उस समय पूजा पद्धति मंत्रोच्चार के बिना पूरी नहीं मानी जाती थी। वहीं, पूजा के दौरान बड़े-बड़े अनुष्ठान किए जाते थे, जिसमें बहुत समय और ऊर्जा लगती थी।
मंत्रोच्चार पूरी शुद्धता के साथ किए जाते थे। पीरियड्स के दौरान हार्मोनल बदलावों के चलते काफी दर्द और थकान रहती थी। ऐसे में महिलाओं के लिए ज्यादा देर तक बैठकर मंत्रोच्चारण या अनुष्ठान करना संभव नहीं होता था। इसलिए उन्हें पूजा में बैठने की मनाही होती थी।
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