Shiv ji ki Aarti : जो कोई सच्चे मन से प्रतिदिन महादेव की पूजा करता है, उस पर भगवान शिव पूरी कृपा बरसाते हैं और उसके जीवन में आ रही सारी अड़चनों को दूर करके प्रत्येक क्षेत्र में मनचाही सफलता दिलाते हैं शिव की पूजा से व्यक्ति को सभी प्रकार के रोग शोक से शी्घ्र ही मुक्ति मिलती है. शिव की कृपा से साधक को आरोग्य और सौभाग्य प्राप्त होता है महादेव की पूजा करने के पश्चात् उनकी पसंदीदा आरती जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा । ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥ ज़रूर करनी चाहिए इससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और शुभ आशीर्वाद देते हैं
Shiv ji ki Aarti : ॐ जय शिव ओंकारा
जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥
Shiv ji ki Aarti
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव…॥
त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव…॥