Shiv Bhajan : भजन करने का वास्तविक अर्थ है— भक्ति करनी यानि ईश्वर और उसकी लीलाओं का स्मरण करना, गुणगान करना, स्तुति करना, जप करना और ध्यान करना। भजन जो आपको भगवान के गुणों पर ध्यान दिलाते हैं, भजन वह हैं जो आपकी चिंताओं और तनाव को दूर करते हैं और आपको शांति देते हैं। जब प्रेम और भक्ति में डूबा इंसान प्रभु का भजन या कीर्तन करता है तो परमेश्वर भी धरती पर आने को विवश हो जाते हैं. जब बहुत सारे लोग मिलकर एक ही मंत्र या पंक्ति का बार-बार उच्चारण करते हैं तो ब्रह्मांड में एक विशेष प्रकार की ऊर्जा पैदा होती है।
Shiv Bhajan : आईये यहाँ हम सुनें और गायें भगवान भोलेनाथ जी का ये मनमोहक भजन
भस्म तेरे तन की,
बन जाऊं भोलेनाथ,
भक्ति में तेरी,
रम जाऊं भोलेनाथ,
शाम सुबह गुण तेरा,
गाऊं भोलेनाथ,
भक्ति में तेरी,
रम जाऊं भोलेनाथ ॥
Shiv Bhajan
जब जब तू भंगिया को,
हाथ से लगाए,
प्याले के रूप में तू,
मुझको ही पाए,
जैसा तू ढाले,
ढल जाऊं भोलेनाथ,
भक्ति में तेरी,
रम जाऊं भोलेनाथ ॥
Shiv Bhajan
खोया रहूं भोले,
सेवा में तेरी,
अंतिम यही है,
अभिलाषा शिव मेरी,
धूल तेरे पग की,
बन जाऊं भोलेनाथ,
भक्ति में तेरी,
रम जाऊं भोलेनाथ ॥
Shiv Bhajan
कर दूँ ये जीवन,
मैं तुझको समर्पण,
तेरा दिया कर दूँ,
तुझको ही अर्पण,
नाम तेरा हर पल,
मैं गाऊं भोलेनाथ,
भक्ति में तेरी,
रम जाऊं भोलेनाथ ॥
Shiv Bhajan
भस्म तेरे तन की,
बन जाऊं भोलेनाथ,
भक्ति में तेरी,
रम जाऊं भोलेनाथ,
शाम सुबह गुण तेरा,
गाऊं भोलेनाथ,
भक्ति में तेरी,
रम जाऊं भोलेनाथ ॥
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