Shitla Sashti 2024: हर साल माघ मास में शुक्ल पक्ष की छठ तिथि को शीतला षष्ठी मनाया जाता है। इस दिन शीतला माता की पूजा की जाती है। माता शीतला देवी अपने भक्तों को संतानवान बनाती हैं। इसके साथ ही वह संतान को रोग मुक्त कर स्वस्थ रहने का वरदान देती हैं। कुछ स्थानों पर इसे बसि चौरा के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि इस अगर कोई निःसंतना है और ये व्रत रखती हैं तो उसकी छोली जल्द भर जाती है। अगर आप भी संतान के सुख से वंचित हैं या संतान के स्वस्थ रहने का वरदान चाहती हैं तो ये व्रत जरूर रखें।
शीतला षष्ठी का महत्व
मान्यता है कि इस व्रत को करने से दैहिक एवं दैविक ताप से मुक्ति मिलती है। मन को शांति प्राप्त होती है। शीतला माता की आराधना से घर में सुख-शांति बरकरार रहती है। यह भी मान्यता है कि यदि कोई महिला संतान प्राप्ति की कामना से यह व्रत रखते हुए माता शीतला की विधि-विधान से पूजा करे तो मां की कृपा से उसकी यह चाह पूरी होती है। रोग-विकार से मुक्ति के लिए भी यह व्रत किया जाता है।
शीतला षष्ठी के उपाय
माता को लगाएं बासी खाने का भोग
इस दिन सुबह स्नानादि नित्यकर्म से निवृत्त होने के बाद शीतला माता का विधि विधान से पूजन करना चाहिए। इस दिन देवी को बासी भोजन का भोग लगाकर बासी भोजन ही खाया जाता है।