Jai Sheetla mata
Sheetla Mata Aarti : शीतला माता की आरती करने से घर में सुख-समृद्धि और शांति आती है, साथ ही रोगों से मुक्ति मिलती है और भक्तों में आस्था और भक्ति की भावना बढ़ती है। कहा जाता है कि व्रत में पूजा के पश्चात् यदि आरती नहीं की तो पूजा रह जाती है अधूरी। शीतला माता की असीम कृपा पाने के लिए पूजा के पश्चात् ज़रूर करें आरती, तमाम बीमारियों अथवा रोगों से मिलेगी मुक्ति।
Sheetla Mata Aarti : शीतला माता की आरती से होने वाले लाभ
रोगों से मुक्ति:
शीतला माता की कृपा से सभी रोग और बीमारियां दूर होती हैं.
मानसिक शांति:
आरती करने से आत्मिक शांति और मानसिक संतुष्टि प्राप्त होती है
सुख-समृद्धि और शांति:
शीतला माता की आरती करने से घर में सुख, समृद्धि और शांति आती है
Sheetla Mata Aarti
आस्था और भक्ति:
आरती का पाठ करने से भक्तों में आस्था और भक्ति की भावना बढ़ती है.
बाधाओं और समस्याओं से मुक्ति:
शीतला माता की कृपा से सभी बाधाएं और समस्याएं दूर होती हैं.
त्वचा सम्बन्धी रोगों से मुक्ति :
मान्यता है कि शीतला माता की कृपा से व्यक्ति की त्वचा संबंधी रोग, कष्ट आदि दूर हो जाते हैं.
चेचक, खसरा आदि से मुक्ति:
शीतला माता का पूजन करने से चेचक, खसरा, बड़ी माता, छोटी माता जैसी बीमारियों से मुक्ति मिलती है
Sheetla Mata Aarti
Sheetla Mata Aarti : यहाँ प्रस्तुत हैं शीतला माता के आरती
जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।
आदि ज्योति महारानी,
सब फल की दाता ॥
ॐ जय शीतला माता..॥
रतन सिंहासन शोभित,
श्वेत छत्र भाता ।
ऋद्धि-सिद्धि चँवर ढुलावें,
जगमग छवि छाता ॥
ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।
Sheetla Mata Aarti
विष्णु सेवत ठाढ़े,
सेवें शिव धाता ।
वेद पुराण वरणत,
पार नहीं पाता ॥
ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।
इन्द्र मृदङ्ग बजावत,
चन्द्र वीणा हाथा ।
सूरज ताल बजावै,
नारद मुनि गाता ॥
ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।
Sheetla Mata Aarti
घण्टा शङ्ख शहनाई,
बाजै मन भाता ।
करै भक्तजन आरती,
लखि लखि हर्षाता ॥
ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।
ब्रह्म रूप वरदानी,
तुही तीन काल ज्ञाता ।
भक्तन को सुख देती,
मातु पिता भ्राता ॥
ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।
जो जन ध्यान लगावे,
प्रेम शक्ति पाता ।
सकल मनोरथ पावे,
भवनिधि तर जाता ॥
ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।
Sheetla Mata Aarti
रोगों से जो पीड़ित कोई,
शरण तेरी आता ।
कोढ़ी पावे निर्मल काया,
अन्ध नेत्र पाता ॥
ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।
बांझ पुत्र को पावे,
दारिद्र कट जाता ।
ताको भजै जो नाहीं,
सिर धुनि पछताता ॥
ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।
शीतल करती जननी,
तू ही है जग त्राता ।
उत्पत्ति व्याधि बिनाशन,
तू सब की घाता ॥
ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।
दास विचित्र कर जोड़े,
सुन मेरी माता ।
भक्ति आपनी दीजै,
और न कुछ भाता ॥
Sheetla Mata Aarti
जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।
आदि ज्योति महारानी,
सब फल की दाता ॥
ॐ जय शीतला माता..॥
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