Sheetala Ashtami Muhurat and Puja Vidhi| Photo Credit: Pinterest
Sheetala Ashtami Muhurat and Puja Vidhi: सनातन धर्म में शीतलाष्टमी का विशेष महत्व है। इसे बसौड़ा भी कहा जाता है। यह पर्व हर वर्ष चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से शीतला माता की पूजा की जाती है और उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त की जाती है। यह पर्व मुख्य रूप से उत्तर भारत के राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और अन्य उत्तरी क्षेत्रों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता है कि, इनकी पूजा और व्रत करने से चेचक के साथ ही अन्य तरह की बीमारियां और संक्रमण नहीं होता है।
वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि की शुरुआत 21 मार्च को देर रात 02:45 मिनट पर शुरू होगी और 22 मार्च को सुबह 04:23 मिनट पर समाप्त होगी। शीतला सप्तमी पर पूजा के लिए शुभ समय 21 मार्च को सुबह 06:24 मिनट से लेकर शाम 06:33 मिनट तक है। वहीं, कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 22 मार्च को सुबह 04:23 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 23 मार्च को सुबह 05:23 मिनट पर समाप्त होगी। इस दिन ही बसौड़ा मनाया जाएगा।
शीतला सप्तमी के अगले दिन शीतला अष्टमी पर माता को बसौड़े का भोग चढ़ाया जाता है। आमतौर पर, इसमें गुड़-चावल या गन्ने के रस से बनी खीर होती है। इस दिन ताजा भोजन बनाने की मनाही होती है, और सभी भक्त इसी प्रसाद को ग्रहण करते हैं।