Sharad Purnima ke Upay: हिंदू धर्म में हर दिन, तिथि, ग्रह-नक्षत्र, तिज-त्योहारों का खास महत्व होता है। 16 को शरद पूर्णिमा है। धर्म ग्रंथों में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। शरद पूर्णिमा पर चांद पृथ्वी के सबसे नजदीक रहता है और अपनी समस्त 16 कलाओं से युक्त होता है। शरद पूर्णिमा को कोजोगार और रास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस बार पंचांग भेद और तिथि के घटने और बढ़ने के कारण आश्विन माह की पूर्णिमा अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार दो दिनों तक रहेगी। ऐसे में इस दौरान किए गए कुछ उपाय आपको कभी धन की कमी नहीं होने देंगे।
शरद पूर्णिमा के उपाय
महालक्ष्मी के मंत्र का जाप
रात सफेद वस्त्र धारण करके भगवान विष्णु के साथ महालक्ष्मी की पूजा अर्चना करें और कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें और ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः’ मंत्र का 108 बार जप करें। ऐसा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होकर धन धान्य में वृद्धि करती हैं।
धन प्राप्ति के उपाय
शरद पूर्णिमा के दिन सफेद वस्त्र पहनकर माता लक्ष्मी के मंदिर जाएं और वहां नारियल, मेवे, लाल चुनरी आदि चीजें आदि चीजें अर्पित करके आरती करें। फिर रात के समय चंद्रमा की रोशनी में विष्णु सहस्रनाम और लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें। ऐसा करने से सभी बाधाओं का निवारण होता है और महालक्ष्मी प्रसन्न होकर अपने भक्तों को समृद्धि और धन का वरदान देती हैं।
मनोकामना पूर्ति के उपाय
शास्त्रों में बताया गया है कि पूर्णिमा के दिन पीपल में माता लक्ष्मी का आगमन होता है। इसलिए इस दिन सुबह पूजा पाठ करने के बाद पीपल की जड़ में दूध और जल अर्पित कर दें। इसके बाद 5 सफेद मिठाई रखकर घी का दीपक जलाएं। दीपक जलाने के बाद पीपल की सात बार हाथ जोड़कर परिक्रमा करें और माता लक्ष्मी को मन की बातें बताएं। ऐसा करने से आपकी सभी मनोकामना पूरी होगी और मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होंगी।
दांपत्य जीवन में खुशहाली के उपाय
शरद पूर्णिमा की रात पति-पत्नी दोनों चंद्रमा को दूध अर्घ्य दें और ‘ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:’ मंत्र का जप करते रहें। ऐसा करने से दांपत्य जीवन में चल रही परेशानियां दूर होती हैं और पति-पत्नी के बीच रिश्ता मजबूत होता है। साथ ही इस उपाय के करने से चंद्र दोष के अशुभ प्रभाव में कमी भी आती है।
खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रखें
शरद पूर्णिमा की रात महालक्ष्मी की विधिवत रूप से पूजा अर्चना करनी चाहिए और केसर युक्त खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रख दें। फिर खीर को सुबह उठा लें और पूरे परिवार में वितरण कर दें। चंद्रमा की किरणों से खीर में अमृत का संचार होता है और यह काफी पौष्टिक व दिव्य भोजन भी बन जाता है। इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है और माता लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है।