Shaniwar Ke Upay: हिंदू धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी देवता को समर्पित किया गया है। जिसके अनुसार शनिवार के दिन भगवान शनि की पूजा की जाती है। शास्त्रों में शनिदेव को कर्मदाता कहा गया है। माना जाता है कि शनिदेव व्यक्ति के अच्छे बुरे कर्मों के अनुसार उसे फल या दंड देते हैं। कहा जाता है कि ये जातक को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। यही वजह है कि शनिदेव को न्यायाधीश की उपाधि प्राप्त है। जिस जातक के अच्छे कर्म होते हैं, उन पर शनिदेव की अच्छी कृपा बनी रहती है। वहीं जो व्यक्ति बुरे कर्मों में लिप्त रहता है, उन पर शनिदेव का प्रकोप बरसता है। शास्त्रों में इस दिन को लेकर कई सारे नियम और उपाय बताए गए हैं, जिनका पालन करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। बता दें कि,शनिवार के दिन सरसों के तेल का विशेष महत्व होता है। वहीं, शनिदेव से जुड़े कुछ कार्य यदि सूर्यास्त के बाद किए जाएं तो व्यक्ति को सुखद परिणाम मिलते हैं। इसके लिए सरसों के तेल के कुछ उपाय आपकी खुशियों को बढ़ा सकते हैं।
1. मान्यता है कि, सरसों का तेल शनि दोष को दूर करने का सर्वोत्तम उपाय है। ऐसे में प्रत्येक शनिवार को शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए और बिना पीछे देखे सीधे घर आ जाना चाहिए। ऐसे करने से व्यक्ति की कुंडली में राहु के प्रभाव को कम करता है बल्कि अप्रत्याशित घटनाओं को भी रोकता है।
2. शास्त्रों के अनुसार, शनिवार की शाम को बजरंगबली को फूल की माला चढ़ानी चाहिए और साथ ही देसी घी का दीपक भी जलाना चाहिए। इसके बाद उनके सामने बैठकर सुंदरकांड का पाठ करें। इससे व्यक्ति को शनि दोष के अलावा अन्य अशांत ग्रहों के हानिकारक प्रभावों से छुटकारा मिल जाएगा।
4. अगर किसी व्यक्ति को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वे एक पीले कपड़े में 11 पीले सरसों के दाने और 11 सिक्के बाधकर घर में पैसों वाली जगह पर रखें। इसके बाद शनिवार के दिन पीली सरसों के दानों को सरसों के तेल में मिलाकर पीपल के पड़े के नीचे जलाएं। ऐसा करने से आर्थिक लाभ होता है।
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