नई दिल्ली। Shani Upay : पीड़ित शनि व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार की परेशानियों को पैदा करते हैं। यदि शनि मंगल ग्रह से पीड़ित हो तो यह जातकों के लिए दुर्घटना और कारावास जैसी परिस्थितियों का योग बनाते हैं। वहीं कुंडली में शनि देव अशुभ होने पर व्यक्ति को किस्मत का साथ नहीं मिलता है और जिंदगी भर परेशानियों से घिरा रहता है। साथ ही कोई न कोई रोग उसे घेरे रहते हैं।
Shani Upay : शनिवार के दिन सात मुखी रुद्राक्ष को गंगाजल में धोकर धारण करें। मान्यता है ऐसा करने से सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं। शनिवार के दिन किसी भी चीज के बुरे फल को दूर करने के लिए काली चीजों जैसे उड़द की दाल, काला कपड़ा, काले तिल और काले चने को किसी गरीब को दान देने से शनिदेव की कृपा बनी रहती है। इस दिन खुद काले रंग का परहेज करें। इससे घर में खुशहाली आती है।
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Shani Upay : शनि को दूसरे, तीसरे और सातवें से बारहवें भाव में अच्छा माना जाता है, जबकि पहले, चौथे, पांचवें और छठे भाव में शनि को अशुभ माना जाता है। सूर्य, चंद्रमा और मंगल इसके शत्रु हैं, शुक्र, बुध और राहु मित्र हैं और बृहस्पति और केतु इसके लिए तटस्थ हैं। शनि सातवें भाव में उच्च का होता है और पहला भाव नीच का होता है।
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Shani Upay : शनि देव की चाल बदलने जा रही है। इसकी शुरुआत हो चुकी है। अभी तक शनि वक्री थे, जो बीते 23 अक्टूबर 2022 से मार्गी हो चुके हैं। यानी शनि सीधी चाल रहे हैं। वर्तमान समय में शनि मकर राशि में गोचर कर रहे हैं। अगले वर्ष यानी 2023 में शनि का राशि परिवर्तन होगा। जिन लोगों को शनि अशुभ फल दे रहे थे, राशि बदलते ही उन्हें शुभ फल प्रदान करेंगे।
नया साल बहुत ही विशेष है। ज्योतिष गणना के अनुसार नए साल में कलियुग के दंडाधिकारी शनि देव अपनी राशि बदल रहे हैं। जिसका प्रभाव मेष से लेकर मीन राशि तक के लोगों पर पड़ने जा रहा है। वर्ष 2023 सबसे महत्वपूर्ण राशि परिवर्तन में से एक है। पंचांग के अनुसार शनि देव 17 जनवरी 2023 को रात 8 बजकर 2 मिनट पर मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में गोचर करेंगे।
शनि 30 साल बाद कुंभ राशि में आ रहे हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि कुंभ राशि के स्वामी भी हैं। यानी 30 साल कुंभ राशि में अद्भुत संयोग बनेगा। कुंभ राशि में आने के बाद शनि देव देश-दुनिया के साथ सभी राशियों को प्रभावित करेंगे।
ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥
शनि दोष निवारण मंत्र
ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम।
उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात।।
शनिवार के दिन मंत्रों की एक माला जाप करने से शनि की अशुभता को दूर करने में मदद मिलती है। इसके साथ ही शनि चालीसा का पाठ भी लाभकारी माना गया है। इसके साथ ही शनिवार को शनि देव से जुड़ी चीजों का दान भी कर सकते हैं।