shani ki sade sati kya hai shani ki sade sati ke Upay By Pradeep Mishara

Shani Jayanti 2023: साढ़े साती से पाना चाहते हैं मुक्ति तो कल शनि जयंती पर करें ये उपाय, प्रसन्न होकर शनिदेव बरसाएंगे धन

साढ़े साती से पाना चाहते हैं मुक्ति तो कल शनि जयंती पर करें ये उपाय, प्रसन्न होकर शनिदेव बरसाएंगे धन! shani ki sade sati kya hai

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Modified Date: May 18, 2023 / 05:01 PM IST
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Published Date: May 18, 2023 5:01 pm IST

नई दिल्ली: shani ki sade sati kya hai हिंदू धर्म के करोड़ देवी देवताओं में सबसे खतरनाक देवता शनि देव का माना जाता है। शनिदेव को न्यायप्रिय और कर्म का फल देने वाले भगवान के तौर पर जाना जाता है। ऐसा कहते हैं कि अगर कर्म बुरे हों तो शनिदेव ऐसे इंसान को बेहद तकलीफ देते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है कि शनि हमेशा बुरे फल देने वाले होते हैं कई बार शनि के प्रकोप से अपार धन संपदा की भी प्राप्ती होती है। शास्त्र के जानकारों का मनाना है कि शनि जयंती के दिन भगवान शनिदेव करने मात्र से साढ़े साती से मुक्ति मिल सकती है। वैसे बता दें कि इस बार कल यानि 19 मई को शनि जयंती पड़ रही है।

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shani ki sade sati kya hai ऐसी मान्यता है कि अच्छे कर्म करने वालों पर शनि देव की सदैव कृपा बनी रहती है और उनकी समस्त मनोकामनाएं पूरी होती है। जबकि बुरे कर्म करने वाले व्यक्ति को शनिदेव कठोर दंड देते है। शनि देव की कुदृष्टि से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। शनि जयंती के दिन कुछ उपायों को करने से शनिदेव प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं तो वहीं कुछ कार्य ऐसे हैं जिनको करने से वे रुष्ट हो सकते हैं,ऐसे कार्यों को इस दिन भूलकर भी न करें।

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भगवान शनि को प्रसन्न करने के उपाय

  • पीपल का संबंध शनिदेव से माना जाता है। शनि जयंती पर पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है। शनि की साढ़ेसाती या ढय्या के चलते पीपल के पेड़ की पूजा करना और उसकी परिक्रमा करने से शनि की पीड़ा झेलनी नहीं पड़ती।
  • जो लोग शनि दोष से पीड़ित होते हैं ऐसे व्यक्तियों को शनि जयंती से शुरू कर हर शनिवार के दिन शनिदेव के मंत्र ‘ऊं प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:’का जाप करना चाहिए।
  • शनि दोष की शांति के लिए प्रतिदिन महामृत्युंजय मंत्र या ‘ॐ नमः शिवाय’ का जाप और सुंदरकाण्ड का पाठ करना चाहिए इससे शनि देव प्रसन्न होते हैं।
  • शनिदेव की कृपा पाने के लिए जातक को शनिवार के दिन व्रत रखना चाहिए।
  • शनि जयंती पर भगवान शनि की पूजा-आराधना के साथ इस दिन जो लोग हनुमान जी की पूजा करते हैं उन्हे हनुमानजी और शनिदेव दोनों की कृपा मिलती है। शनि पूजा के साथ-साथ हनुमान जी की भी पूजा करनी चाहिए।

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शनि जयंती पर क्या न करें 

  • शनि जयंती के दिन ध्यान रखें कि घर पर लोहे से बनी कोई वस्तु ना लेकर आए। आज के दिन लोहे की चीजें खरीदने से भगवान शनि रुष्ट हो जाते हैं और ऐसा करने से आपकी शारीरिक और आर्थिक परेशानियां बढ़ सकती हैं।
  • शनि जयंती के दिन इस बात का ध्यान रखें कि आप शमी या पीपल के वृक्ष को हानि न पहुचाएं,ऐसा करने से आप शनि के प्रकोप के घेरे में आ सकते हैं।
  • सरसों का तेल, लकड़ी,जूते-चप्पल और काली उड़द को आप भूल से भी शनि जयंती पर खरीदकर नहीं लाएं,वरना आपको शनिदेव की कुदृष्टि का सामना करना पड़ सकता है।
  • शनि जयंती पर शनिदेव मंदिर में शनि के दर्शन करने जाएं तो इस बात का ध्यान रखें कि भूल से भी उनकी आंखों को न देखें माना जाता है।शास्त्रों के अनुसार इनकी आखों में देख कर दर्शन करने से अनिष्ट होता हैं।
  • इस दिन भूलकर भी बड़े बुर्जुर्गों का अपमान नहीं करें।शनिदेव, माता-पिता और बड़े लोगों का अनादर करने और उनसे झूठ बोलने वालों से रुष्ट होकर बुरे फल प्रदान करते हैं।

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