Second Sawan Somvar: 22 जुलाई सोमवार के दिन से सावन का महीना शुरू हो चुका है। जगह-जगह शिवालयों में शिव भक्तों का सुबह से ही जमावड़ा लगा हुआ है। मंदिरों में भक्त भोलेनाथ की पूजा अर्चना कर बोलबम के जयकारे लगा रहे हैं। वहीं कल सावन का दूसरा सोमवार है। जिसके लिए सुबह से ही मंदिरों में शिव भक्तों का तांता लगा रहा है। इस माह में सोमवार, प्रदोष, चतुर्दशी, नागपंचमी और शिवरात्रि पर आप शिवजी का अभिषेक करें। अभिषेक कई प्रकार के होते हैं जैसे जलाभिषेक, पंचामृत अभिषेक, दुग्धाभिषेक, रुद्राभिषेक आदि। प्रत्येक अभिषेक का अपना एक अलग महत्व और फायदा है। बता दें कि 22 जुलाई से शुरू हुए सावन का समापन 19 अगस्त को होगा।
1.जलाभिषेक: सावन के दिन शुद्ध और पवित्र जल से अभिषेक करने पर शारीरिक एवं मानसिक ताप मिटते हैं। कहा जाता है कि गंगा जल से अभिषेक करने से ज्वर ठीक हो जाता है। तीर्थ जल से अभिषेक करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है।
2. दही अभिषेक: मान्यता है कि सावन में भगवान शिव का दही से अभिषेक करने से घर और वाहन की प्राप्ति होती है।
3. गन्ने के रस से अभिषेक : भगवान शिव का गन्ने के रस से अभिषेक करने पर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।
4. शहद से अभिषेक : जल में शहद मिलाकर अभिषेक करने पर धनवृद्धि होती है। वहीं शुद्ध शहद से रुद्राभिषेक करने से पाप क्षय होते हैं। पातकों को नष्ट करने की कामना होने पर भी शहद से रुद्राभिषेक करें।
5. दूध से अभिषेक : कहा जाता है कि दूध से अभिषेक करने से पुत्र प्राप्ति होगी। गाय के दुध से तथा शुद्ध घी द्वारा अभिषेक करने से आरोग्यता की भी प्राप्त होती है।
6. घी से अभिषेक : घी से अभिषेक करने से वंश विस्तार होता है। अभिषेक करते समय सहस्रनाम मंत्रों का उच्चारण करते हुए इसके साथ ही शहद एवं घी से अभिषेक करने से धनवृद्धि होती है।
7. इत्र से अभिषेक : मान्यता है कि इत्र मिले जल से अभिषेक करने से रोग नष्ट होते हैं।
8. सरसों तेल का अभिषेक : भगवान शिव का सरसों के तेल से अभिषेक करने पर शत्रु पराजित होता है। इसके साथ ही सरसों के तेल से अभिषेक करने से रोग तथा शत्रुओं का नाश होता है।
9 . कुशोदक से रुद्राभिषेक : असाध्य रोगों को शांत करने के लिए कुशोदक से रुद्राभिषेक करना चाहिए।
10 . शक्कर से अभिषेक : पुत्र की कामना वाले व्यक्ति शकर मिला हुआ जल से अभिषेक करने से जल्द ही मनोकामना पूर्ति होती है।
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