Sawan Sankashti Chaturthi: 4 जुलाई से सावन का पावन महीना शुरु हो चुका है। सावन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को गजानन संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। यह दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है। मान्यताएं हैं कि इस दिन गणपति बप्पा की पूजा करने से जीवन में सुख धन और समृद्धि की वृद्धि होती है। परिवार में हो रहा क्लेश खत्म होता है और कष्ट दूर होते हैं।
Sawan Sankashti Chaturthi: इस बार प्रीति योग में सावन की संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी। साथ ही इस दिन भद्रा और पंचक का साया भी रहेगा। भगवान गणेश की पूजा के लिए 6 जुलाई को सुबह 5:26 बजे से लेकर 10:40 बजे तक शुभ मुहूर्त रहेगा। वहीं रात 10:12 बजे चंद्रोदय का समय है।
Sawan Sankashti Chaturthi: इस दिन पूजा करने से न केवल भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त होता है, बल्कि भगवान शिव भी प्रसन्न होते हैं। इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने की भी परंपरा है। पूजा के दौरान गणपति बप्पा को दूर्वा घास, सिंदूर, लाल वस्त्र, मोदक और पान का पत्ता अर्पित करना बेहद शुभ माना जाता है। ऐसा करने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। साथ ही सौभाग्य और सुख में वृद्धि होती है।
– Sawan Sankashti Chaturthi: संकष्टी चतुर्थी के दिन सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें और साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें।
– Sawan Sankashti Chaturthi: उसके बाद व्रत का संकल्प लें। घर के ईशान कोण में एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाए और भगवान गणेश की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
– Sawan Sankashti Chaturthi: गणपति बप्पा को अक्षत, दूर्वा, जल इत्यादि अर्पित करें और “गं गणपतए नमः ” मंत्र का जाप करें।
– Sawan Sankashti Chaturthi: भगवान गणेश को भोग अर्पित करें।
– Sawan Sankashti Chaturthi: रात के समय चंद्र देव की पूजा करें। अर्घ्य देते समय चंदन, दूध और शहद चढ़ाएं और व्रत का पारण करें।
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