यहां राम राजा को हर दिन बंदूक से दी जाती है सलामी, 450 साल से चली आ रही परंपरा, जानिए इसके पीछे का पूरा रहस्य

Gun salute is given to Lord Ram every day in Orchha यहां राम राजा को हर दिन बंदूक से दी जाती है सलामी, 450 साल से चली आ रही परंपरा

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  • Publish Date - August 25, 2023 / 05:11 PM IST,
    Updated On - August 25, 2023 / 06:02 PM IST

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नरेश मिश्रा, हटा। यहां राजा के रूप में पूजे जाते हैं श्रीराम.. ओरछा में चलती राम राजा की सरकार मप्र के निवाड़ी जिले में बेतवा नदी किनारे प्रसिद्ध धार्मिक और ऐतिहासिक नगर ओरछा में श्रीराम राजा सरकार विराजमान हैं। ओरछा में श्रीराम राजा को रूप में पूजा जाता है। करीब 600 वर्ष पूर्व संवत 1631 में ओरछा के राजा मधुकरशाह की रानी कुंवर गणेश अयोध्या से श्रीराम जी को ओरछा लेकर आईं थी। ओरछा आने के पूर्व भगवान श्रीराम ने रानी के सामने जो तीन शर्तें रखी थी उसी के मुताबिक, भगवान श्रीराम ओरछा में राजा के रूप में विराजमान हैं। जहां सिर्फ और सिर्फ श्रीराम जी की ही सत्ता चलती है।

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महारानी की रसोई में विराजमान हैं भगवान 

श्रीराम के ओरछा आने की खबर सुन राजा मधुकर शाह ने उन्हें बैठाने के लिए चतुर्भुज मंदिर का भव्य निर्माण कराया था। मंदिर को भव्य रूप दिए जाने की तैयारी के चलते महारानी कुंवरि गणेश की रसोई में भगवान को ठहराया गया था। भगवान श्रीराम की शर्त थी कि वह जहां बैठेंगे, फिर वहां से नहीं उठेंगे। यही कारण है कि उस समय बनवाए गए मंदिर में भगवान नहीं गए। वह आज भी सूना है और भगवान महारानी की रसोई में विराजमान हैं। जहां वर्तमान में अलग मंदिर बनाया गया है।

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रामराजा सरकार का ही शासन

भगवान श्रीराम का ओरछा में 600 वर्ष पूर्व राज्याभिषेक हुआ था और उसके बाद से आज तक यहां भगवान श्रीराम को राजा के रुप में पूजा जाता है। यह पूरी दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां भगवान राम को राजा के रूप में पूजा जाता है। ओरछा में रामराजा सरकार का ही शासन चलता है। चार पहर आरती होती है और सशस्त्र सलामी दी जाती है। राज्य शासन द्वारा यहां पर 1-4 की सशस्त्र गार्ड तैनात की गई है। मंदिर परिसर में कमरबंद केवल सलामी देने वाले ही बांधते हैं। ओरछा की चार दीवारी में कोई भी वीवीआईपी हो या प्रधानमंत्री, उन्हें सलामी नहीं दी जाती है। प्रतिदिन रात में ब्यारी (संध्या) की आरती होने के बाद ज्योति निकलती है, जो कीर्तन मंडली के साथ पास ही स्थित पाताली हनुमान मंदिर ले जाई जाती है।

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मान्यता है कि ज्योति के रूप में भगवान श्रीराम को हनुमान मंदिर ले जाया जाता है, जहां से हनुमान जी शयन के लिए भगवान श्रीराम को अयोध्या ले जाते हैं। बुंदेलखंड में गूंजता है राम के दो निवास खास, दिवस ओरछा रहत, शयन अयोध्या वास। यानी श्रीराम के दो निवास हैं, दिनभर ओरछा में रहने के बाद शयन के लिए भगवान राम अयोध्या चले जाते हैं। यहां राजा श्रीराम का शासन चलता है। ओरछा में श्रीराम राजा सरकार के दर्शनों के लिए दूर दूर से श्रद्धालु पँहुचते है। पुष्य नक्षत्र में दर्शनों के लिए भारी भीड़ उमड़ती है। वर्षभर यंहा विभिन्न धार्मिक आयोजन चलते हैं।

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