Rudraksh is beneficial for these zodiac signs : नई दिल्ली। रुद्राक्ष एक खास तरह के पेड़ का बीज है। ये पेड़ आमतौर पर पहाड़ी इलाकों में एक खास ऊंचाई पर, खासकर हिमालय में पाए जाते हैं। अफसोस की बात यह है लंबे समय से इन पेड़ों की लकड़ियों का रेल की पटरी के नीचे बिछाने में इस्तेमाल होने की वजह से, आज देश में बहुत कम रुद्राक्ष के पेड़ बचे हैं। आज ज्यादातर रुद्राक्ष के पेड़ नेपाल, बर्मा, थाईलैंड या इंडोनेशिया में पाए जाते हैं। दक्षिण भारत में पश्चिमी घाट के कुछ इलाकों में भी ये पेड़ हैं, लेकिन सबसे अच्छी गुणवत्ता के रुद्राक्ष हिमालय में एक ऊंचाई के बाद मिलते हैं क्योंकि मिट्टी, वातावरण और हर चीज का प्रभाव इस पर पड़ता है। इन बीजों में एक बहुत विशिष्ट स्पंदन होता है।
Rudraksh is beneficial for these zodiac signs : माना जाता है कि रुद्राक्ष भगवान शिव के आंसुओं से पैदा हुए थे। इनको धारण करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं। माना जाता है कि रुद्राक्ष अकाल मृत्यु और शत्रु बाधा से रक्षा करता है। कुल मिलाकर 14 मुखी रुद्राक्ष पाए जाते हैं। इनके अलावा गौरी शंकर और गणेश रुद्राक्ष भी पाए जाते हैं जो लोग इनका प्रयोग करते हैं, उनको फायदा होता है।
Rudraksh is beneficial for these zodiac signs : रुद्राक्ष को लाल धागे या पीले धागे में पहनना चाहिए। इसे पूर्णिमा, अमावस्या या सोमवार को धारण करना श्रेष्ठ माना जाता है। रुद्राक्ष एक, सत्ताईस, चौवन या एक सौ आठ की संख्या में धारण करना चाहिए। इसको धारण करने के बाद मांस और मदिरा का सेवन ना करें। रुद्राक्ष को धातु के साथ धारण करना और भी अच्छा होता है। रुद्राक्ष को सोने और चांदी के साथ धारण किया जा सकता है। चाहे तो तांबे के साथ भी इसे धारण किया जा सकता है। दूसरे व्यक्ति की धारण की हुई रुद्राक्ष की माला ना पहनें। सोते समय रुद्राक्ष उतार कर सोना चाहिए।
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एक ऐसे व्यक्ति के लिए जो हर समय घूमता रहता है और विभिन्न जगहों पर खाता और सोता है, रुद्राक्ष एक बहुत अच्छा सहारा है क्योंकि यह आपकी अपनी ऊर्जा का एक सुरक्षा कवचा बना देता है। आपने ध्यान दिया होगा कि जब आप एक नई जगह पर जाते हैं, कभी आपको आसानी से नींद आ जाती है, जबकि किसी दूसरी जगह पर आपको नींद नहीं आती चाहे आप कितना ही थके हों। ऐसा इसलिए है क्योंकि आपके आस-पास की स्थिति आपके किस्म की ऊर्जा के लिए अनुकूल नहीं है, यह आपको स्थिर नहीं होने देती। साधुओं और संन्यासियों के लिए, चूंकि वे लगातार घूमते रहते थे, तो जगहें और स्थितियां उन्हें परेशान कर सकती थीं। उनके लिए एक नियम था कि कभी अपने सिर को उसी जगह पर दोबारा नीचे न रखें। आज, एक बार फिर, लोगों ने अपने व्यापार या पेशे के कारण, विभिन्न जगहों पर खाना और सोना शुरू कर दिया है। तो यहां रुद्राक्ष सहायक हो सकता है।
एक और चीज है, जंगल में रह रहे साधु और संन्यासी बस किसी भी पोखरे से पानी नहीं पी सकते थे, क्योंकि कई बार प्रकृति में, पानी कुछ खास गैसों से जहरीला या दूषित बन सकता है। अगर वे उसे पी लें, तो यह उन्हें अपंग कर सकता है या मार भी सकता है। अगर पानी के ऊपर एक रुद्राक्ष को लटकाया जाता है तो अगर पानी अच्छा है और पीने योग्य है, तो यह घड़ी की सुई की दिशा में घूमेगा। अगर यह जहरीला है तो यह विपरीत दिशा में घूमेगा। भोजन की गुणवत्ता को जांचने का भी यही तरीका है। अगर आप इसे किसी पॉज़िटिव प्राणिक खाद्य पदार्थ पर लटकाते हैं, तो यह घड़ी की सुई की दिशा में घूमेगा। अगर आप इसे निगेटिव प्राणिक खाद्य पदार्थ पर लटकाते हैं, तो यह उल्टी दिशा में घूमेगा।
मेष और वृश्चिक राशि वालों के लिए तीन मुखी रुद्राक्ष उत्तम होता है। यह रुद्राक्ष अग्नि और तेज का स्वरूप होता है। वृष और तुला राशि वालों के लिए छह मुखी रुद्राक्ष उत्तम होता है। इसको भगवान कार्तिकेय का स्वरूप माना जाता है। मिथुन और कन्या वालों के लिए चार मुखी रुद्राक्ष उत्तम माना जाता है। इसको ब्रह्मा जी का स्वरूप माना जाता है।
कर्क वालों के लिए दो मुखी रुद्राक्ष उत्तम होता है। यह अर्धनारीश्वर का स्वरूप माना जाता है। सिंह वालों के लिए एक मुखी रुद्राक्ष उत्तम माना जाता है। यह शिव जी का स्वरूप माना जाता है। धनु और मीन वालों के लिए पांच मुखी रुद्राक्ष उत्तम माना जाता है। इसको कालाग्नि भी कहते हैं। मकर और कुंभ वालों के लिए सात मुखी रुद्राक्ष उत्तम माना जाता है। यह सप्तमातृका तथा सप्तऋषियों का स्वरूप माना जाता है।