Rinmukti Shri Ganesh Stotra : ऋणमुक्ति गणेश स्तोत्र का पाठ करने से कर्ज से मुक्ति मिलती है और धन संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। सनातन धर्म में, भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है और माना जाता है कि उनकी कृपा से काम निर्विघ्न रूप से संपन्न होते हैं, इसलिए हर शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है इस स्तोत्र का पाठ बुधवार के दिन या रोज़ाना किया जा सकता है । इसके अलावा, इस स्तोत्र के पाठ से ये भी फ़ायदे मिलते हैं:
– मन की शांति मिलती है।
– सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
– घर में सुख, समृद्धि, और खुशहाली आती है।
– आर्थिक तंगी दूर होती है।
– धन पाने के अन्य कई रास्ते भी मिलते हैं।
Rinmukti Shri Ganesh Stotra : आईये यहां पढ़ें ऋणमुक्ति श्री गणेश स्तोत्र का पाठ
॥ विनियोग ॥
ॐ अस्य श्रीऋणविमोचनमहागणपति-स्तोत्रमन्त्रस्य
शुक्राचार्य ऋषिः ऋणविमोचनमहागणपतिर्देवता
अनुष्टुप् छन्दः ऋणविमोचनमहागणपतिप्रीत्यर्थे जपे विनियोगः।
॥ स्तोत्र पाठ ॥
ॐ स्मरामि देवदेवेशंवक्रतुण्डं महाबलम्।
षडक्षरं कृपासिन्धुंनमामि ऋणमुक्तये॥1॥
महागणपतिं वन्देमहासेतुं महाबलम्।
एकमेवाद्वितीयं तुनमामि ऋणमुक्तये॥2॥
Rinmukti Shri Ganesh Stotra
एकाक्षरं त्वेकदन्तमेकंब्रह्म सनातनम्।
महाविघ्नहरं देवंनमामि ऋणमुक्तये॥3॥
शुक्लाम्बरं शुक्लवर्णंशुक्लगन्धानुलेपनम्।
सर्वशुक्लमयं देवंनमामि ऋणमुक्तये॥4॥
Rinmukti Shri Ganesh Stotra
रक्ताम्बरं रक्तवर्णंरक्तगन्धानुलेपनम्।
रक्तपुष्पैः पूज्यमानंनमामि ऋणमुक्तये॥5॥
कृष्णाम्बरं कृष्णवर्णंकृष्णगन्धानुलेपनम्।
कृष्णयज्ञोपवीतं चनमामि ऋणमुक्तये॥6॥
Rinmukti Shri Ganesh Stotra
पीताम्बरं पीतवर्णपीतगन्धानुलेपनम्।
पीतपुष्पैः पूज्यमानंनमामि ऋणमुक्तये॥7॥
सर्वात्मकं सर्ववर्णंसर्वगन्धानुलेपनम्।
सर्वपुष्पैः पूज्यमानंनमामि ऋणमुक्तये॥8॥
Rinmukti Shri Ganesh Stotra
एतद् ऋणहरं स्तोत्रंत्रिसन्ध्यं यः पठेन्नरः।
षण्मासाभ्यन्तरे तस्यऋणच्छेदो न संशयः॥9॥
सहस्रदशकं कृत्वाऋणमुक्तो धनी भवेत्॥
॥ इति रुद्रयामले ऋणमुक्ति श्री गणेशस्तोत्रम् सम्पूर्णम् ॥
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