रायपुर। आज यानि की 5 अप्रैल के दिन रवि प्रदोष व्रत रखा जा रहा है, जिस प्रकार हिंदू कैंलेडर में 12 माह की 12 एकादशी होती हैं उसी प्रकार एक साल में 24 प्रदोष होते हैं, जो भी प्रदोष व्रत जिस खास दिन पड़ता है उसका एक विशेष फल होता है।पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, प्रत्येक प्रदोष व्रत का एक अलग महत्व और नियम होता है।
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इस बार प्रदोष व्रत रविवार को रखा जा रहा है, शास्त्रों में रविवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है, ऐसी मान्यता है कि रवि प्रदोष व्रत रखने से स्वास्थ्य के सभी कष्ट मिट जाते हैं, जिन लोगों के जीवन में दाम्पत्य सुख की कमी होती है उन्हें भी रवि प्रदोष व्रत रखने की सलाह दी जाती है, आइए जानते हैं रवि प्रदोष व्रत की कथा।
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इस बार सोम प्रदोष व्रत की पूजा के लिए रविवार को 01 घंटा 34 मिनट का समय मिल रहा है। जो भी व्यक्ति व्रत करना चाहता है उसे रविवार की सुबह से व्रत का संकल्प लेना होगा और शाम को 07 बजकर 24 मिनट से 08 बजकर 58 मिनट के मध्य तक पूजा सम्पन्न कर लेनी होगी।
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सोम प्रदोष का व्रत करने और भगवान शिव की प्रदोष काल में श्रद्धापूर्वक पूजा करने से व्यक्ति को आरोग्य का अशीर्वाद प्राप्त होता है। उसे निरोगी काया प्राप्त होती है। इतना ही नहीं, भगवान शिव अपने भक्तों की सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं।