Rath Saptami 2023 : नई दिल्ली। माघ मास में ऐसी बहुत-सी तिथियां हैं, जो कि शास्त्रों में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं और माघ शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि उनमें से एक है। ये तिथि सूर्यदेव से संबंध रखती है। कहते हैं इस दिन सूर्यदेव ने अपने प्रकाश से पूरे जगत को प्रकाशित किया था। इसी दिन सूर्यदेव सात घोड़ों के रथ पर सवार होकर प्रकट हुए थे, इसलिए माघ शुक्ल पक्ष की सप्तमी को रथ सप्तमी के नाम से जाना जाता है। रथ सप्तमी के अलावा इसे अचला सप्तमी, विधान सप्तमी और आरोग्य सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है।
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अगर आप अपनी ऊर्जा शक्ति को बढ़ाना चाहते हैं तो रथ सप्तमी के दिन आपको सूर्य यंत्र की विधि-पूर्वक पूजा करके उसे सूर्यदेव की रोशनी दिखाकर अपने घर में स्थापित करना चाहिए। साथ ही सूर्यदेव के इस मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए। मंत्र है – ‘ॐ ह्रां ह्रीं हौं स: सूर्याय नम:’
दिनचर्या में सुधार लाने के लिए
अगर आप अपनी दिनचर्या में सुधार लाना चाहते हैं लेकिन किसी न किसी कारणवश आप फिर से वहीं पर आकर खड़े हो जाते हैं, जहां से शुरुआत करते हैं तो आपको अपने सामने सवा किलो गुड़ रखकर सूर्यदेव के इस मंत्र का 11 बार जप करना चाहिए। मंत्र है- ‘ऊँ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्याय श्रीं’ मंत्र जप के बाद सामने रखे गुड़ में से थोड़ा-सा टुकड़ा तोड़कर प्रसाद के रूप में खा लें और बाकी को मन्दिर में दान कर दें।
वैवाहिक जीवन को सुखद बनाए रखने के लिए
अगर आप अपने वैवाहिक जीवन में मधुरता को बरकरार रखना चाहते हैं तो आपको ‘ॐ भूर्भुव स्वः तत् सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्’ इस प्रकार गायत्री मंत्र बोलते हुए सूर्यदेव को मीठा जल अर्पित करना चाहिए। जल अर्पित करने के बाद उन्हें हाथ जोड़कर प्रणाम करना चाहिए। आपको सुबह स्नान आदि के बाद साफ-सुथरे कपड़े पहनकर किसी पवित्र नदी, जलाश्य या तालाब में तिल के तेल का दीपक जलाकर दीप दान करना चाहिए।
स्किन संबंधी परेशानी से छुटकारा पाने के लिए
अगर आप स्किन संबंधी किसी परेशानी से छुटकारा पाना चाहते हैं या अपने बालों की जड़ों को मजबूत करना चाहते हैं तो आज के दिन आपको किसी पवित्र नदी या तालाब में स्नान करना चाहिए। अगर आप इसमें असमर्थ हो तो अपने घर में ही पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें। लेकिन ध्यान रहे स्नान से पहले आक या मदार के सात पत्ते लेकर अपने सिर पर कुछ सेकेंड के लिए रखें फिर उन पत्तों को सिर से हटाकर किसी पवित्र नदी, तालाब या घर में ही गंगजल मिले पानी से स्नान कर लें। इसके साथ ही आक की सात पत्तियां, चावल, तिल, दूर्वा, अक्षत और चन्दन लेकर जल में डालकर सूर्यदेव को अर्घ्य देना चाहिए और प्रणाम करना चाहिए।
संतान प्राप्ति के लिए
अगर आप एक सुंदर, स्वस्थ संतान चाहते हैं तो आपको गेंहू और गुड़ की खीर बनाकर अपने जीवनसाथी से स्पर्श कराकर सूर्य भगवान को अर्पित करनी चाहिए। बाद में उसे मंदिर में दान करना चाहिए।
अगर आप किसी प्रशासनिक सेवा से जुड़े हैं या आप एक राजनेता हैं और आपको किसी प्रकार का भय बना रहता है तो सूर्य सप्तमी/रथ सप्तमी के दिन आपको सूर्य के प्रभाव वाला 12 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।