धर्म। रंग पंचमी पर्व आज हर्षोउल्लास के साथ मनाया जा रहा है। प्रेम-सौहार्द और भाईचारे का प्रतीक रंग पंचमी को मनाए जाने के पीछे कई महत्व हैं। प्रति वर्ष चैत्र कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को रंग पंचमी को उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन देवताओं को समर्पित होता है।
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रंग पंचमी पर्व आज देश के कई राज्यों में धूमधाम से मनाया जा रहा है। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान में इस पर्व को लेकर लोगों में खास उत्साह झलक रहा है। इस दिन विशेष प्रकार के पकवान बनाए जाते हैं और मित्रों और रिश्तेदारों को दावत दी जाती है। नृत्य, गीत और संगीत के साथ यह उत्सव मनाया जा रहा है।
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पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, कहा जाता है कि त्रेतायुग के प्रारंभ में जगत के पालनहार भगवान विष्णु ने धूलि वंदन किया था। धूलि वंदन से आशय ये है कि ‘उस युग में श्री विष्णु ने अलग-अलग तेजोमय रंगों से अवतार कार्य का आरंभ किया। अवतार निर्मित होने पर उसे तेजोमय, अर्थात विविध रंगों की सहायता से दर्शन रूप में वर्णित किया गया है। होली ब्रह्मांड का एक तेजोत्सव है। ब्रह्मांड में अनेक रंग आवश्यकता के अनुसार साकार होते हैं और संबंधित घटक के कार्य के लिए पूरक व पोषक वातावरण की निर्मित करते हैं।
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