Ram Navami Shubh Muhurat : 17 अप्रैल को मनाई जाएगी राम नवमी, यहां देखें शुभ मुहूर्त और पूजा की विधि

Ram Navami Shubh Muhurat : हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को रामनवमी बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है।

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  • Publish Date - April 13, 2024 / 08:12 PM IST,
    Updated On - April 13, 2024 / 08:12 PM IST

Ram Navami Shubh Muhurat : हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को रामनवमी बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है। इस दिन मां दुर्गा और भगवान राम की पूजा का विशेष महत्व माना गया है। ऐसी मान्यता है कि भगवान राम ने युद्ध में जीत हासिल करने के लिए देवी दुर्गा की उपासना की थी, इसलिए नवरात्रि की नवमी तिथि पर देवी दुर्गा के साथ भगवान राम की भी पूजा की जाती है। राम नवमी का त्योाहार 17 अप्रैल को है। आइए जानते हैं कि भगवान राम की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त क्या होगा, साथ ही कौन से शुभ योग इस दिन बनेंगे।

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राम नवमी में पूजा का शुभ मुहूर्त

Ram Navami Shubh Muhurat : राम नवमी का त्योाहार साल 2024 में 17 अप्रैल को है। हालांकि नवमी तिथि 16 अप्रैल को दिन में 1 बजकर 23 मिनट से ही शुरू हो जाएगी और 17 अप्रैल को 2 बजकर 34 मिनट तक रहेगी। लेकिन शास्त्रों में उदया तिथि की मान्यता है, इसलिए राम नवमी का त्योहर 17 अप्रैल को ही मनाया जाएगा। इस दिन सुबह 6 बजकर 8 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा और पूरे दिन भर रवि योग रहेगा। ये दोनों ही योग बहुत शुभ माने गये हैं। इन शुभ योगों में पूजा करने से आपको अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की पूजा के लिए 17 अप्रैल को शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 2 मिनट से शुरू होगा और 1 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त में आप स्नान-ध्यान के बाद पूजा आरंभ कर सकते हैं।

रामनवमी पूजा विधि

रामनवमी पर रामायण और राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करना बेहद शुभ माना जाता है। रामनवमी की पूजा के समय पंचदेव यानी सूर्यदेव, भगवान गणेश, माता दुर्गा, शिव और विष्णु भगवान का आसन लगाकर स्थापना करें। रामनवमी के दिन ब्रह्मा मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाना चाहिए। उसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें और सूर्यदेव को जल अर्पित करें। पूजा स्थल पर गंगाजल से छिड़काव करते हुए सफाई करें।

फिर हाथ में अक्षत पूजा और व्रत का संकल्प लें। उसके बाद भगवान राम की पूजा आराधना आरंभ करें। भगवान श्रीराम को फल, फूलों की माला, मिठाई, होली, चंदन, धूप, दीप और तुलसी के पत्ते आदि अर्पित करें। भगवान राम के साथ माता सीता की भी पूजा करें। रामचरितमानस, रामायण, राम रक्षा स्त्रोत और हनुमान चालीसा का पाठ करें। अंत में भगवान राम की आरती करते हुए भगवान राम और माता सीता से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मांगे।

 

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