Ram Lalla Surya Tilak on Ram Navami: अयोध्या। 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि का पर्व शुरू हो रहा है। वहीं चैत्र नवरात्रि के नौवें दिन बड़ी धूमधाम के साथ भगवान राम का जन्मोत्सव मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान श्री राम का जन्म हुआ था। बता दें कि अयोध्या में रामनवमीं को लेकर ढेर सारी तैयारियां चल रही हैं। इस बार रामनवमी पर रामलला को सूर्य तिलक से अभिषेक किया जाएगा। वहीं जानकारों के अनुसार इसकी तैयारी में रविवार की रात भर काम में कई वैज्ञानिक जुटे रहे। इसके लिए राममंदिर में उपकरण लगाए जा रहे हैं, जिसका जल्द ही ट्रायल भी होगा।
गौरतलब है कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की पूर्व घोषणा के अनुसार हो रही तैयारी में ऑप्टोमैकेनिकल सिस्टम के लिए उपकरण लगाए जा रहे हैं। बीती रात रामलला के शयन कराने के बाद उनके माथे का सटीक स्थान सुनिश्चित करने के लिए स्टिकर लगाकर तब श्रीविग्रह को चद्दर ओढ़ाया गया। जिससे वैज्ञानिक दल अपना उपकरण लगाने के लिए सटीक नाप जोख कर सकें। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अधिकारी ने बताया कि 75 मिमी का गोलाकार सूर्य से प्रभु श्रीराम का अभिषेक होगा। दोपहर 12 बजे सूर्य की किरणें रामलला के मस्तक पर पड़ेंगी। निरंतर चार मिनट तक किरणें रामलला के मुख मंडल को दैदीप्तिमान करेंगी। उन्होंने बताया कि मुख्य रूप से रुड़की सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च संस्थान के वैज्ञानिकों का दल इस काम में लगे हुए हैं।
ट्रस्ट के अधिकारियों के अनुसार मंदिर के भूतल पर दो मिरर और एक लेंस लगाया जा चुका है। सूर्य की रोशनी तीसरे तल पर लगे दर्पण से तीन लेंस 2 दर्पणों से होते हुए भूतल पर लगाए गए आखिरी दर्पण पर पड़ेगी। इससे परावर्तित होने वाली किरणों से मस्तक पर तिलक बनेगा। मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने सोमवार को बताया कि श्रीराम लला का सूर्य तिलक करने की तैयारी संपूर्ण परिश्रम से हो रही है। संभव है कि राम नवमी पर वैज्ञानिकों का प्रयास फलीभूत हो जाय। तकरीबन सौ एलईडी स्क्रीन के माध्यम से इसका सीधा प्रसारण किया जाएगा। उन्होंने श्रद्धालुओं से निवेदन किया है कि भीड़ की परेशानियों से बचने के लिए अपने स्थान पर ही नवमी का पूजन व दर्शन करें।
Ram Lalla Surya Tilak on Ram Navami: खास बात यह है कि यह सूर्य तिलक सिर्फ रामनवमी के दिन ही होगा। इसके लिए वैज्ञानिक फिजिक्स के ऑप्टोमैकेनिकल सिस्टम का प्रयोग कर रहे हैं। सूर्य की रोशनी तीसरे फ्लोर पर लगे पहले दर्पण पर गिरेगी और तीन लेंस व दो अन्य मिरर से होते हुए सीधे ग्राउंड फ्लोर पर लगे आखिरी मिरर पर पड़ेगी। इससे रामलला की मूर्ति के मस्तक पर सूर्य किरणों का एक तिलक लग जाएगा।
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