नई दिल्ली : Rakhi Shubh Muhurat : रक्षाबंधन का पर्व हिंदू धर्म में भाई-बहन के लिए बेहद खास माना जाता है। हर साल यह त्योहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी सलामती की दुआ करती हैं। वहीं, भाई भी राखी बांधने के बाद उपहार देते समय हमेशा बहन की रक्षा का वचन देता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक रक्षाबंधन या राखी का त्योहार श्रावण शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस बार रक्षाबंधन का त्योहार 30 और 31 अगस्त दो दिन मनाया जाएगा।
Rakhi Shubh Muhurat : इस साल पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त को पूरे दिन और 31 अगस्त को सुबह 07:05 बजे तक रहेगी। 30 अगस्त को सुबह 10 बजकर 58 मिनट से रात 09 बजकर 02 मिनट तक भद्रा रहेगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार रक्षा बंधन का त्योहार सदैव हर वर्ष भद्रा रहित काल में मनाया जाता है।
Rakhi Shubh Muhurat : हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष 30 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा तिथि के साथ भद्राकाल आरंभ होगा। शास्त्रों के अनुसार भद्रा काल में रक्षाबंधन का त्योहार नहीं मनाया जाता है। सदैव भद्रा रहित काल में ही राखी बांधना शुभ माना गया है। वहीं श्रावण पूर्णिमा तिथि पर राखी बांधने के लिए दोपहर का समय सबसे शुभ समय है। लेकिन इस वर्ष रक्षाबंधन पर्व की श्रावण पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त से प्रारंभ हो रही है और पूरे दिन भद्रा का साया रहेगा। ऐसे में 30 अगस्त को दिन में कोई शुभ मुहूर्त नहीं रहेगा।
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Rakhi Shubh Muhurat : 30 अगस्त को रात 09:02 मिनट तक भद्रा रहेगी। ऐसे में 30 अगस्त को रात 09:02 मिनट के बाद राखी बांधी जा सकती है।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार 31 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा की तिथि शाम 07 बजकर 05 मिनट तक रहेगी और इस दौरान भद्रा का साया नहीं रहेगा। इस कारण 31 अगस्त को सुबह 07:05 बजे तक राखी बांधना शुभ रहेगा।
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