Punarvasu Nakshatra: पुनर्वसु शब्द पुन:+वसु से बना है। इसका अर्थ है पुनः धन मान व यश की प्राप्ति। इस नक्षत्र में जन्मे लोग आध्यात्मिक स्वभाव के होते हैं। माना जाता है कि ये जल्दी किसी मुश्किल में नहीं फंसते और किस्मत इन पर मेहरबान रहती है।
26 अप्रैल को वैशाख शुक्ल पक्ष की उदया तिथि षष्ठी और बुधवार का दिन है। 26 अप्रैल सुबह 8 बजकर 7 मिनट तक सुकर्मा योग रहेगा। साथ ही 26 अप्रैल का पूरा दिन, पूरी रात पार कर कल सुबह 7 बजे तक पुनर्वसु नक्षत्र रहेगा। बुधवार दोपहर 3 बजकर 34 मिनट पर शुक्र मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। इसके अलावा 26 अप्रैल को रामानुजाचार्य जी की जयंती भी मनायी जाएगी।
आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए बुधवार का पंचांग, राहुकाल, शुभ मुहूर्त और सूर्योदय-सूर्यास्त का समय। ऐसे में गणेश चतुर्थी पर आप गणपति बप्पा की विधिवत पूजा करके उन्हें प्रसन्न कर अपनी हर कामना को सफल बना सकते हैं|
सुकर्मा योग – 26 अप्रैल सुबह 8 बजकर 7 मिनट तक
पुनर्वसु नक्षत्र – 26 अप्रैल का पूरा दिन, पूरी रात पार कर कल सुबह 7 बजे तक
शुक्र मृगशिरा नक्षत्र – बुधवार दोपहर 3 बजकर 34 मिनट पर
26 अप्रैल – रामानुजाचार्य जी की जयंती
दुष्ट मुहूर्त (Dusht Muhurat): 11:52:56 से 12:45:27 तक
कुलिक (Kulika): 11:52:56 से 12:45:27 तक
कंटक (Kantaka/Mrityu): 17:08:02 से 18:00:33 तक
राहु काल (Rahu Kaal): 12:19:12 से 13:57:40 तक
कालवेला / अर्द्धयाम (Kalavela / Ardhayaam): 06:37:51 से 07:30:22 तक
यमघण्ट (Yamaghanta): 08:22:53 से 09:15:23 तक
यमगंड (Yamaganda): 07:23:48 से 09:02:16 तक
गुलिक काल (Gulika Kaal): 10:40:44 से 12:19:12 तक