नई दिल्ली। Pithori Amavasya 2022: भाद्रपद माह में आने वाली अमावस्या को पिथौरी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। पिथौरी अमावस्या इस साल 27 अगस्त 2022, शनिवार को है। शनिवार को होने से ये शनिश्चरी अमावस्या भी कहलाती है। इस दिन कुशा का संग्रह किया जाता, जो सालभर धार्मिक कार्यों के लिए उपोयग में ली जाती है। वैसे तो अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित है, लेकिन पिथौरी अमावस्या पर विशेष तौप पर मां दुर्गा की पूजा की जाती है।
पिथौरी अमावस्या महत्व
Pithori Amavasya 2022: धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, पिथौरी अमावस्या का महात्मय खुद मां पार्वती ने देवी इंद्राणी को बताया था। पिथौरी अमावस्या पर व्रत रखने का विधान है। मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से निसंतान दंपत्ति को संतान सुख की प्राप्ति होती है। साथ की संतान की अच्छी सेहत और कुशल भविष्य की कामना के लिए विवाहित महिलाएं ये व्रत जरूर रखती हैं। वहीं धार्मिक मान्यता है कि पिठोरी अमावस्या का व्रत-पूजा सिर्फ सुहागिन महिलाएं ही कर सकती हैं।
बाढ़ का बढ़ा खतरा ! 3 दिन बाढ़ की स्थिति और बिगड़ने की सम्भावना, अलर्ट जारी
पिथौरी अमावस्या का शुभ मुहूर्त
Pithori Amavasya 2022: पिथौरी अमावस्या तिथि शुरू – 26 अगस्त 2022 दोपहर 12:24
पिथौरी अमावस्या तिथि खत्म – 27 अगस्त 2022 दोपहर 01:47
ब्रह्म मुहूर्त – 04.34 AM – 05.19 AM
अमृत काल – 05.51 PM – 07.34 PM
फीफा ने एआईएफएफ पर से हटाया प्रतिबंध, अंडर-17 विश्वकप की मेजबानी का रास्ता साफ
पिथौरी अमावस्या पूजा विधि
Pithori Amavasya 2022: सुहागिन महिलाएं इस दिन सूर्योदय से पूर्व पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें औऱ फिर साफ वस्त्र धारण कर व्रत का संकल्प लें। इस दिन 64 आटे से बनी देवियों की पूजा करने की परंपरा है। शुभ मुहूर्त में आटे को गूथकर देवियों की 64 प्रतिमाएं बनाएं और विधिवत सभी की पूजा करें। बेसन से देवियों की श्रृंगार सामग्री जैसे बिंदी, चूड़ी, हार आदि बनाकर अर्पित करें। आटे का प्रसाद बनाकर देवी को भोग लगाएं। इस दिन जरुरतमंदों को वस्त्र, भोजन, आदि का दान करना बहुत फलदायी माना जाता है। ब्राह्मण को भोजन कराएं और फिर व्रत का पारण करें।