Nirjala Ekadashi: निर्जला एकादशी को सभी एकादशी व्रतों में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इस इस साल 31 मई बुधवार को निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही बिना और जल ग्रहण की निर्जला व्रत रखा जाता है।
Nirjala Ekadashi: 30 मई दोपहर 1:07 बजे ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी तिथि की शुरुआत हो रही है। इसका समापन 31 मई दोपहर 1:45 बजे होगा। मान्यता है कि इस व्रत को रखने से पुण्य प्राप्ति होती है भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और मोक्ष प्राप्ति का वरदान देते हैं। सवार्थ सिद्धि और रवि योग इस दिन बन रहे हैं, जो व्रत को और भी फलदायी बनाएंगे। व्रत का पारण 1 जून सुबह 5:24 बजे से लेकर सुबह 8:10 तक होगा।
Nirjala Ekadashi: निर्जला एकादशी के दिन कुछ चीजों का दान करना बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन नमक, जल कलश, फल, अनाज तिल और वस्त्र आदि का दान करने से पुण्य मिलता है। साथ ही विष्णु प्रसन्न होते हैं। नमक का दान करने वालों के घर में कभी अन्न कमी नहीं होती तिल का दान करने वाले लोगों के दुख और रोग दूर होते हैं। अनाज दान करने पर घर में धन और समृद्धि में वृद्धि होती है। वहीं वस्त्र दान करने से दीर्घ आयु का वरदान मिलता है।
– सबसे पहले सुबह उठकर स्नान कर लें और स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें।
– Nirjala Ekadashi: उसके बाद घर के मंदिर में घी का दीपक प्रज्वलित करें।
– भगवान विष्णु का गंगाजल से अभिषेक करें और फूल और तुलसी के पत्ते अर्पित करें।
– भगवान विष्णु को सात्विक चीजों का भोग लगाना शुभ माना जाता है।
– Nirjala Ekadashi: आरती करें निर्जला एकादशी व्रत कथा जरूर पढ़ें।
– भगवान विष्णु के साथ-साथ माता लक्ष्मी की पूजा करने से धन और समृद्धि में वृद्धि होती है।
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