जगन्नाथ मंदिर की अंतिम देवदासी नहीं रहीं, गायिका थीं पारसमणि देवी, देवताओं के विश्राम के समय गाया करतीं थीं भक्ति गीत

जगन्नाथ मंदिर की अंतिम देवदासी नहीं रहीं, गायिका थीं पारसमणि देवी, देवताओं के विश्राम के समय गाया करतीं थीं भक्ति गीत

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  • Publish Date - July 10, 2021 / 07:23 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:12 PM IST

पुरी (ओडिशा), 10 जुलाई (भाषा) ओडिशा के पुरी में विश्व प्रसिद्ध भगवान श्री जगन्नाथ मंदिर की अंतिम जीवित देवदासी पारसमणि देवी का शनिवार को निधन हो गया। वह 90 वर्ष की थीं और वृद्धावस्था में होने वाली स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से पीड़ित थीं। मंदिर के सूत्रों ने यह जानकारी दी।

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पारसमणि लोगों के सहयोग से मंदिर नगरी के बलीसाही इलाके में किराए के एक मकान में रहती थीं क्योंकि 12वीं सदी के मंदिर में दशकों पहले देवदासी प्रथा समाप्त हो चुकी थी।

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ओडिशा सरकार ने 1955 में एक अधिनियम के माध्यम से पुरी शाही परिवार से मंदिर का प्रशासन अपने हाथों में ले लिया था। इसके बाद मंदिर में देवदासी प्रणाली धीरे-धीरे समाप्त हो गई।

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मंदिर में दो प्रकार की देवदासियां थीं-नर्तकी और गायिका। पारसमणि एक गायिका थीं, जो देवताओं के विश्राम के समय गीत गोविंद जैसे भक्ति गीत गाया करती थीं।