Om Sarve Bhavantu Sukhinaha : यह मंत्र सभी के लिए कल्याण के परोपकारी विचार का उदाहरण है। यह शांति एवं कल्याणकारी मंत्र बृहदारण्यक उपनिषद से लिया गया है, उपनिषद् का अर्थ है पास में बैठना। इस मंत्र का अर्थ है, ‘हे भगवान, संसार के सभी प्राणी सुखी रहें, सब रोगों से मुक्त हो, सभी प्राणियों का जीवन मंगलमय हो और उन्हें कोई भी दुःख न हो’। इस मंत्र का जाप करने से करुणा और प्रेमपूर्ण दयालुता आती है एवं आनंद और शांति मिलती है।
Om Sarve Bhavantu Sukhinaha : आईये यहाँ प्रस्तुत है शांति मंत्र
ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः ।
सर्वे सन्तु निरामयाः ।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु ।
मा कश्चित् दुःख भाग्भवेत् ॥
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥
Om Sarve Bhavantu Sukhinaha
हिन्दी भावार्थ:
सभी सुखी होवें, सभी रोगमुक्त रहें, सभी का जीवन मंगलमय बनें और कोई भी दुःख का भागी न बने।
Om Sarve Bhavantu Sukhinaha
यह योगिक परंपरा की निस्वार्थता और करुणा की मूल शिक्षा की एक सुंदर अभिव्यक्ति है। यह मंत्र सुझाव देता है कि हमें सभी लोगों की खुशी और भलाई के लिए काम करना चाहिए, चाहे उनकी पृष्ठभूमि कुछ भी हो।
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