रायपुरः navratri shubh muhurat 2022 कल यानि सोमवार से नवरात्रि का पावन पर्व शुरू हो रहा है। देशभर के मंदिरों मंे नवरात्रि के पर्व के लिए तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है। वहीं, बाजारों में भी चहल-पहल बढ़ गई है। लोग नवरात्रि पर्व पर माता की पूजा और सेवा की तैयारी के लिए जमकर खरीददारी कर रहे हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि में कलश की स्थापना किस दिशा में और कौन से समय पर की जानी चाहिए? क्या है कलश स्थानपना के लिए शुभ मुहूर्त चलिए आपको बताते हैं।
Read More: ये हैं S से शुरू होने वाले “cute baby girl” के नाम
navratri shubh muhurat 2022 प्रसिद्ध के अनुसार अनुसार ईशान कोण को पूजा पाठ के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिशा में भगवान का वास रहता है और सकारात्मक उर्जा इसी दिशा से आती है। तो इस लिहाज से ईशान कोण में कलश की स्थापना उपयुक्त रहेगा
सुबह 06ः11 मिनट से 07ः51 मिनट तक है। वहीं सुबह 06ः11 मिनट से 07ः42 मिनट तक चौघड़िया का अमृत्त सर्वाेत्तम मुहूर्त है। इसके अलावा अभिजीत मुहूर्त को भी कलश स्थापना के लिए शुभ माना जाता जाता है। दोपहर 11ः48 मिनट से 12ः36 मिनट के बीच अभिजीत मुहूर्त में भी कलश स्थापना कर सकते है।
Read More: सीरीज जीतने के इरादे से मैदान में उतरेगी भारतीय टीम, बारिश की भेंट चढ़ सकता है मैच
कलश स्थापना के लिए मिट्टी का कटोरा, जौ, साफ मिट्टी, कलश, रक्षा सूत्र, लौंग, इलाइची, रोली, कपूर, आम के पत्ते, साबुत, सुपारी, अक्षत, नारियल, फूल, फल आदि रखना चाहिए। मां भगवती को लाल रंग सबसे प्रिय है। चौकी पर लाल रंग का नया वस्त्र बिछाने के अलावा माता के लिए लाल चुनरी व कुमकुम जरूरी है। मां को चुनरी के साथ-साथ सुहाग का सारा सामान चढ़ाना जाता है। फिर घर की सुहागिन महिलाएं इसे प्रसाद के स्वरूप धारण करती है। सुहाग के सामान के साथ माता को मिठाई, फल, मेवा अर्पित करना लाभकारी होता है।