Motivational Story : यह जीवन ईश्वर की रचना का सबसे सुंदर और सर्वोच्च प्रमाण है। मानव शरीर ईश्वरीय रचना का अद्भुत नमूना है। मानव शरीर बड़े भाग्य से और पुण्य कर्मों के फल से प्राप्त होता है, इसलिए संसार की सभी वस्तुओं में मानव जीवन सबसे अनमोल वस्तु है। संसार के अन्य जीवों की तुलना में मनुष्य ही सर्वश्रेष्ठ प्राणी है। हमारी उत्पत्ति से मृत्यु तक का समय है जिसमें हम जीते हैं, विकसित होते हैं, अनुभव करते हैं और प्रगति करते हैं। मानवजीवन का उद्देश्य ज्ञान की प्राप्ति करना होता है। ईश्वर की शरण में आने से मानव जीवन ज्ञान रूपी प्रकाश से भर जाता है। ईश्वर से ज्ञान की दीक्षा प्राप्त कर मनुष्य का जीवन आनंदमय हो जाता है। जात-पात, ईष्या, द्वेष आदि के भाव उसके मन से नष्ट हो जाते हैं।
Motivational Story : आईये पढ़ें ये अनोखी मानव जीवन की कहानी
दुर्लभ मनुष्य जीवन – Durlabh Manushy Jeevan
रेलवे स्टेशन के बाहर सड़क के किनारे कटोरा लिए एक भिखारी लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए अपने कटोरे में पड़े सिक्कों को हिलाता रहता और साथ-साथ यह गाना भी गाता जाता: गरीबों की सुनो वो तुम्हारी सुनेगा तुम एक पैसा दोगे वो दस लाख देगा, गरीबों की सुनो..
कटोरे से पैदा हुई ध्वनि व उसके गीत को सुन आते-जाते मुसाफ़िर उसके कटोरे में सिक्के डाल देते।
सुना था, इस भिखारी के पुरखे शहर के नामचीन लोग थे। इसकी ऐसी हालत कैसे हुई यह अपने आप में शायद एक अलग कहानी हो।
Motivational Story
आज भी हमेशा की तरह वह अपने कटोरे में पड़ी चिल्हर को हिलाते हुए, ग़रीबों की सुनो वो तुम्हारी सुनेगा, वाला गीत गा रहा था।
तभी एक व्यक्ति भिखारी के पास आकर एक पल के लिए ठिठकर रुक गया। उसकी नजर भिखारी के कटोरे पर थी, फिर उसने अपनी जेब में हाथ डाल कुछ सौ-सौ के नोट गिने। भिखारी उस व्यक्ति को इतने सारे नोट गिनता देख उसकी तरफ टकटकी बाँधे देख रहा था कि शायद कोई एक छोटा नोट उसे भी मिल जाए।
तभी उस व्यक्ति ने भिखारी को संबोधित करते हुए कहा, अगर मैं तुम्हें हजार रुपये दूं तो क्या तुम अपना कटोरा मुझे दे सकते हो?
Motivational Story
भिखारी अभी सोच ही रहा था कि वह व्यक्ति बोला, अच्छा चलो मैं तुम्हें दो हजार देता हूँ।
भिखारी ने अचंभित होते हुए अपना कटोरा उस व्यक्ति की ओर बढ़ा दिया और वह व्यक्ति कुछ सौ-सौ के नोट उस भिखारी को थमा उससे कटोरा ले अपने बैग में डाल तेज कदमों से स्टेशन की ओर बढ़ गया।
इधर भिखारी भी अपना गीत बंद कर वहां से ये सोच कर अपने रास्ते हो लिया कि कहीं वह व्यक्ति अपना मन न बदल ले और हाथ आया इतना पैसा हाथ से निकल जाए और भिखारी ने इसी डर से फैसला लिया अब वह इस स्टेशन पर कभी नहीं आएगा, कहीं और जाएगा।
Motivational Story
रास्ते भर भिखारी खुश होकर यही सोच रहा था कि लोग हर रोज आकर सिक्के डालते थे, पर आज दो हजार में कटोरा! वह कटोरे का क्या करेगा? भिखारी सोच रहा था?
उधर दो हजार में कटोरा खरीदने वाला व्यक्ति अब रेलगाड़ी में सवार हो चुका था। उसने धीरे से बैग की चैन खोल कर कटोरा टटोला, सब सुरक्षित था। वह पीछे छुटते नगर और स्टेशन को देख रहा था। उसने एक बार फिर बैग में हाथ डाल कटोरे का वजन भांपने की कोशिश की। कम से कम आधा किलो का तो होगा।
उसने जीवन भर धातुओं का काम किया था। भिखारी के हाथ में वह कटोरा देख वह हैरान हो गया था। सोने का कटोरा? और लोग डाल रहे थे उसमें एक-दो के सिक्के।
Motivational Story
उसकी सुनार वाली आँख ने धूल में सने उस कटोरे को पहचान लिया था। ना भिखारी को उसकी कीमत पता थी और न सिक्का डालने वालों को पर वह तो जौहरी था, सुनार था।
भिखारी दो हजार में खुश था और जौहरी कटोरा पाकर! उसने लाखों की कीमत का कटोरा दो हजार में जो खरीद लिया था।
इसी तरह हम भी अपने अनमोल काया की उपयोगिता को भूले बैठे है और उसे एक सामान्य कटोरे की भाँति समझ कर कौड़ियां इक्कट्ठे करने में लगे हुए हैं।
यह मानव जीवन बहुत ही दुर्लभ है, दुर्लभ होने के साथ-साथ क्षणभंगुर भी है। इसीलिए हमेँ यह अवसर बहुत जन्मों के बाद प्राप्त हुआ है और इस मनुष्य योनि के अवसर को हम चूक न जाए, हमेँ ऐसी सतर्कता रखनी चाहिए।
———
Read more : आईये यहाँ पढ़ें और सुनें