नवरात्र के तीसरे दिन होती है मां चंद्रघंटा की आराधना, समस्त रोगों से दिलाती हैं मुक्ति | Mother Chandraghanta is worshiped on the third day of Navratri Provides relief from all diseases

नवरात्र के तीसरे दिन होती है मां चंद्रघंटा की आराधना, समस्त रोगों से दिलाती हैं मुक्ति

नवरात्र के तीसरे दिन होती है मां चंद्रघंटा की आराधना, समस्त रोगों से दिलाती हैं मुक्ति

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Modified Date: November 29, 2022 / 07:57 PM IST
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Published Date: March 27, 2020 3:24 am IST

धर्म। चैत्र नवरात्र चल रहा है, 27 मार्च शुक्रवार को नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जा रही है । मां चंद्रघंटा अपने भक्तों को अलौकिक शक्ति, र्धेर्य, आत्मबल का आशीर्वाद देती हैं। मां चंद्रघंटा के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र होने की वजह से उनहें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है। मां के शरीर का रंग सोने के समान बहुत चमकीला है। मां चंद्रघंटा की सवारी शेर है। मां चंद्रघंटा के दस हाथ हैं। सभी हाथों में अस्त्र-शस्त्र हैं। माता की मन, कर्म, वचन शुद्ध करके पूजा करने वालों के सब पाप खत्म हो जाते हैं। परलोक में भी परम कल्याण की प्राप्ति होती है

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पुराणों की मान्यताओं के अनुकाल मां चंद्रघंटा के रूप की सच्चे मन से पूजा करने से समस्ता रोगों से मुक्ति मिलती है। शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। दीर्घायु होने का वरदान भी मां चंद्रघंटा देती हैं। मां आध्यात्मिक शक्ति, आत्मविश्वास और मन पर नियंत्रण भी बढ़ाती हैं।

मां चंद्रघंटा के पूजा – अर्चना के लिए मां को केसर और केवड़ा जल से स्नान कराएं। मां को सुनहरे या भूरे रंग के वस्त्र पहनाएं और स्वयं भी इसी रंग के वस्त्र पहनें। केसर-दूध से बनी मिठाइयों का भोग लगाएं। मां को सफेद कमल और पीले गुलाब की माला अर्पण करें। पंचामृत, चीनी व मिश्री का भोग लगाएं।

 
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