Masik Shivratri 2023 : 11 दिसंबर को है मासिक शिवरात्रि, बन रहे ये दो प्रबल योग, यहां देखें शुभ मुहूर्त और पूजन की विधि

Masik Shivratri 2023/Sukarma Yoga & Sarvartha Siddhi Yoga:मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि इस महीने 11 दिसबंर, शनिवार के दिन है।

  •  
  • Publish Date - November 30, 2023 / 01:01 PM IST,
    Updated On - November 30, 2023 / 01:01 PM IST

Masik Shivratri 2023/Sukarma Yoga & Sarvartha Siddhi Yoga : नई दिल्ली। हिंदू धर्म में त्योहार और व्रत का काफी महत्व होता है। इस समय हिंदुओं के त्योहार का सीजन भी चल रहा है। हिंदुओं के त्योहार, दिवाली, होली, नवरात्रि, एकादशी, पूर्णिमा के अलावा शिवरात्रि का भी काफी महत्व माना जाता है। हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का विशेष उल्लेख है। इस दिन भगवान भोलेनाथ की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। सभी लोग भगवान शिव की आराधना और अभिषेक करते हैं। जिसके बाद उनकी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती है।

 

Masik Shivratri 2023/Sukarma Yoga & Sarvartha Siddhi Yoga : बता दें कि मार्गशीर्ष महीने में 11 दिसंबर को मासिक शिवरात्रि है। शिव पुराण में निहित है कि चिरकाल में फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर भगवान शिव और माता पार्वती परिणय सूत्र में बंधे थे। उस समय से हर वर्ष फाल्गुन माह में महाशिवरात्रि मनाई जाती है। इसके अलावा, हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस व्रत को विवाहित और अविवाहित महिलाएं करती हैं।

read more : Janjgir Husband Killed His Wife: पत्नी की हत्या के मामले में आरोपी पति गिरफ्तार, इस बात से गुस्साए पति ने दिया था वारदात को अंजाम

मासिक शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि इस महीने 11 दिसबंर, शनिवार के दिन है। शिवरात्रि प्रातः काल 07 बजकर 10 मिनट पर शुरू होगी और 12 दिसंबर को प्रातः काल 06 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। इसके लिए 11 नवंबर को मासिक शिवरात्रि मनाई जाएगी। इतना ही नहीं इस शुभ अवसर पर दुर्लभ सुकर्मा योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है।

 

मासिक शिवरात्रि की पूजन विधि

सभी व्रतों और त्योहारों की अलग अलग पूजन विधि होती है। वहीं, मासिक शिवरात्रि के दिन ब्रह्म बेला में दैनिक कार्यों से निवृत्त होने के बाद गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। इस समय आचमन कर स्वयं को शुद्ध करें और व्रत संकल्प लें। इसी समय सूर्य देव को जल का अर्घ्य दें। इसके पश्चात, पूजा गृह में चौकी पर लाल या श्वेत वस्त्र बिछाकर महादेव और माता पार्वती की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। अब पंचोपचार कर विधि-विधान से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें। शीघ्र विवाह हेतु अविवाहित जातक माता पार्वती को सिंदूर अर्पित करें। भगवान शिव को सफेद रंग के फूल, भांग, धतूरा, मदार फूल, अक्षत आदि अर्पित करें।

 

देश दुनिया की बड़ी खबरों के लिए यहां करें क्लिक

Follow the IBC24 News channel on WhatsApp