नई दिल्ली। Margashirsha Purnima 2024 : हिंदू धर्म में व्रत, पूर्णिमा, अमावस्या,ग्रहण इन सभी चीजों का विशेष महत्व होता है। जिसका लोग पूरे नियम के साथ पालन भी करते हैं। ऐसे में हर महीने के अंत में पूर्णिमा का पर्व बेहद उत्साह के संग मनाया जाता जाता है। धार्मिक मान्यता है कि पूजा करने से जातक के जीवन में खुशियों का आगमन होता है। साथ ही सभी कार्यों में सफलता मिलती है। मान्यता है कि इस धन की देवी मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इसके अलावा गंगा स्नान और दान करने का भी विशेष महत्व है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा को बत्तीसी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।
Margashirsha Purnima 2024 : मार्गशीर्ष पूर्णिमा की तिथि की शुरुआत 14 दिसंबर यानी कल शाम 5 बजे शुरू हो चुकी है और तिथि का समापन 15 दिसंबर को आज दोपहर 2 बजकर 33 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार, मार्गशीर्ष पूर्णिमा इस बार 15 दिसंबर यानी आज ही है। ऐसा कहते हैं कि इस दिन चंद्रमा की उपासना करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और तनाव से मुक्ति मिलती है। कहा जाता है कि, इस दिन राशि के अनुसार दान करने से सुखों की प्राप्ति होती है।
1. इस दिन सुबह जल्दी उठें और सूर्योदय से पहले स्नान कर लें।
2. किसी पवित्र स्थल पर जाकर स्नान करें।
3. इस दिन का उपवास बेहद ही श्रद्धा, साफ सफाई और निष्ठा के साथ किया जाना चाहिए।
4. प्याज, लहसुन, मांस, मछली, शराब आदि जैसे खाद्य पदार्थों से दूर रहें।
5. उपवास कर रहे हैं तो दोपहर में भूल से न सोएं।
6. पूजा के दौरान भगवान को चूरमा अर्पित करें।
7. किसी योग्य ब्राह्मण को भोजन और जरूरी वस्तु दान करें।
Margashirsha Purnima 2024 15 दिसंबर को मनाई जाएगी। यह विशेष रूप से हिंदू कैलेंडर के अनुसार मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि होती है।
Margashirsha Purnima 2024 पर विशेष रूप से श्रद्धालु उपवासी रहते हैं और रात्रि में पूजा करते हैं। यह दिन विशेष रूप से व्रत और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए प्रसिद्ध है।
Margashirsha Purnima 2024 का महत्व विशेष रूप से भगवान विष्णु और भगवान शिव के पूजन में है। यह दिन पुण्य लाभ, मोक्ष और जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
हां, Margashirsha Purnima 2024 पर गंगा स्नान करना बहुत लाभकारी माना जाता है। यह दिन पुण्य के लिए स्नान और दान करने के लिए उपयुक्त होता है।
Margashirsha Purnima 2024 पर विशेष रूप से रात्रि में दीप जलाना और भगवान के मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है।