Margashirsha Maas 2023: आज से मार्गशीर्ष का पावन महीना शुरू हो चुका है। इस महीने को अगहन भी कहा जाता है। यह महीना भगवान श्री कृष्ण को समर्पित होता है। आज मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा है। आज 28 नवंबर 2023 दिन मंगलवार को मार्गशीर्ष महीने की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है और इसी के साथ यह मास आरंभ हो चुका है। इस महीने जो भी भक्त श्री कृष्ण की पूजा-अर्चना करते हैं उन पर विशेष कृपा होती है। ऐसे में अगर आप भी व्रत रखने की सोच रही हैं या व्रत रखती हैं तो इन बातों का विशेष ध्यान देना चाहिए। आइए जानते हैं…
ब्रह्म मुहूर्त में तीर्थ स्नान
मार्गशीर्ष के पावन महीने में तीर्थ स्नान करने से शुभ फलों की प्राप्ती होती है। यदि आप तीर्थ स्नान नहीं कर सकते तो नहाने के पानी में किसी तीर्थ नदी का जल मिला लें। ध्यान रहे कि यह स्नान ब्रह्म मुहूर्त में ही सुबह उठकर ही करें। ऐसा करने से मांगी गई हर मनोकामना पूरी होती है और श्री कृष्ण की कृपा बरसती है।
मार्गशीर्ष के महीने में तुलसी पूजा का महत्व
भगवान कृष्ण को तुलसी जी सदैव प्रिय हैं। इस खास महीने में घर में तुलसी जी की पूजा एवं आरती विधिपूर्वक करें। रोजाना कपूर जलाकर तुलसी की परिक्रमा करें। ऐसा करने से आपके घर में सदैव धन-ऐश्वर्य बना रहता है।
पूर्ण विधि विधान से शंख की पूजा
हिंदू घरों में प्राय सभी के यहां शंख होता है। अगर आपके यहां भी शंक है तो मार्गशीर्ष के महीने में आप नित्य शंख में गंगाजल भरें और जब भगवान कृष्ण की पूजा करें, उसके बाद शंख में रखें गंगाजल का पूरे घर में छिड़काव कर लें। इससे आपके घर में न तो वास्तु दोष लगेगा और न ही नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करेंगी।
108 दाने वाली तुलसी की माला का रोजाना जाप
मार्गशीर्ष का यह पूरा महीना भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है। इस माह श्री कृष्ण के नाम का जाप करने, व्रत, स्नान-दान, 108 दाने वाली तुलसी की माला पर नित्य जाप करने से जीवन की हर कठिनाईयां दूर होती है।
गीता के श्लोक का पाठ करें
मार्गशीर्ष के महीने में हर दिन गीता के श्लोक का पाठ करें। ऐसा इसलिए क्योंकि श्री कृष्ण ने इसी महीने गीता का उपदेश अर्जुन को दिया था। इसलिए गीता जंयती हर साल मार्गशीर्ष के महीने में ही मनाई जाती है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, IBC24 किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें।)