Mangalwar Vrat Katha : प्रत्येक मंगलवार इस व्रत कथा को सुनने मात्र से ही कुंडली में मौजूद ग्रह होंगे शांत, साथ ही बढ़ेगा साहस एवं आत्मविश्वास

Every Tuesday, just by listening to this Vrat Katha, the planets in the horoscope will be pacified, along with this courage and self-confidence will increase

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  • Publish Date - December 31, 2024 / 06:21 PM IST,
    Updated On - December 31, 2024 / 06:21 PM IST

Mangalwar Vrat Katha : मंगलवार व्रत कथा का पाठ सुनने मात्र से ही सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। मंगलवार का व्रत किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के पहले मंगलवार से शुरू करना चाहिए। इस व्रत कथा को पढ़ने से हनुमान जी की विशेष कृपा मिलती है कुंडली में मौजूद ग्रह शांत होते हैं। मंगलवार का व्रत करने से सम्मान, बल, और पुरुषार्थ बढ़ता है साहस और आत्मविश्वास बढ़ता है, कर्ज़ से मुक्ति मिलती है। साथ ही साथ भूत-प्रेत और काली शक्तियों का प्रभाव नहीं पड़ता है ।

Mangalwar Vrat Katha : आईये यहाँ प्रस्तुत है मंगलवार व्रत कथा

एक समय की बात है एक ब्राह्मण दंपत्ति की कोई संतान नहीं थी, जिस कारण वह बेहद दुःखी थे। एक समय ब्राह्मण वन में हनुमान जी की पूजा के लिए गया। वहाँ उसने पूजा के साथ महावीर जी से एक पुत्र की कामना की।

घर पर उसकी स्त्री भी पुत्र की प्राप्ति के लिए मंगलवार का व्रत करती थी। वह मंगलवार के दिन व्रत के अंत में हनुमान जी को भोग लगाकर ही भोजन करती थी।

Mangalwar Vrat Katha

एक बार व्रत के दिन ब्राह्मणी ना भोजन बना पाई और ना ही हनुमान जी को भोग लगा सकी। उसने प्रण किया कि वह अगले मंगलवार को हनुमान जी को भोग लगाकर ही भोजन करेगी।

वह भूखी प्यासी छह दिन तक पड़ी रही। मंगलवार के दिन वह बेहोश हो गई। हनुमान जी उसकी निष्ठा और लगन को देखकर प्रसन्न हुए। उन्होंने आशीर्वाद स्वरूप ब्राह्मणी को एक पुत्र दिया और कहा कि यह तुम्हारी बहुत सेवा करेगा।

Mangalwar Vrat Katha

बालक को पाकर ब्राह्मणी अति प्रसन्न हुई। उसने बालक का नाम मंगल रखा। कुछ समय उपरांत जब ब्राह्मण घर आया, तो बालक को देख पूछा कि वह कौन है?

पत्नी बोली कि मंगलवार व्रत से प्रसन्न होकर हनुमान जी ने उसे यह बालक दिया है। ब्राह्मण को अपनी पत्नी की बात पर विश्वास नहीं हुआ। एक दिन मौका देख ब्राह्मण ने बालक को कुएं में गिरा दिया।

Mangalwar Vrat Katha

घर पर लौटने पर ब्राह्मणी ने पूछा कि, मंगल कहां है? तभी पीछे से मंगल मुस्कुरा कर आ गया। उसे वापस देखकर ब्राह्मण आश्चर्यचकित रह गया। रात को हनुमानजी ने उसे सपने में दर्शन दिए और बताया कि यह पुत्र उसे उन्होंने ही दिया है।

ब्राह्मण सत्य जानकर बहुत खुश हुआ। इसके बाद ब्राह्मण दंपत्ति प्रत्येक मंगलवार को व्रत रखने लगे।

Mangalwar Vrat Katha

जो मनुष्य मंगलवार व्रत कथा को पढ़ता या सुनता है,और नियम से व्रत रखता है उसे हनुमान जी की कृपा से सब कष्ट दूर होकर सर्व सुख प्राप्त होता है, और हनुमान जी की दया के पात्र बनते हैं।

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