ज्येष्ठ माह 2020 के प्रमुख व्रत एवं त्योहार, इस दिन पड़ेंगे निर्जला एकादशी और वट सावित्री व्रत..जानिए | Major fasts and festivals of Jyeshtha month 2020, Nirjala Ekadashi and Vat Savitri fast will fall on this day .. Learn

ज्येष्ठ माह 2020 के प्रमुख व्रत एवं त्योहार, इस दिन पड़ेंगे निर्जला एकादशी और वट सावित्री व्रत..जानिए

ज्येष्ठ माह 2020 के प्रमुख व्रत एवं त्योहार, इस दिन पड़ेंगे निर्जला एकादशी और वट सावित्री व्रत..जानिए

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Modified Date: November 29, 2022 / 12:33 AM IST
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Published Date: May 8, 2020 8:38 am IST

रायपुर। हिन्दू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह वर्ष का तीसरा महीना है। यह माह बेहद गर्म होता है। इस दौरान उत्तर भारत लू की चपेट में आ जाता है। ज्येष्ठ के महीने में सूर्यदेव अपने रौद्र रूप में रहते हैं जिसके कारण प्रचंड गर्मी रहती है। इसलिए ज्येष्ठ के महीने में पानी पिलाने और दान करने का विशेष महत्व होता है। ज्येष्ठ माह 8 मई से शुरु हो रहा है और जून 6 को समाप्त होगा। उसके बाद आषाढ़ माह शुरू हो जाएगा।

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ज्येष्ठ माह में पानी का वाष्पीकरण तेजी से होता है जिसके कारण से नदियां और तालाब सूख जाते हैं। हिन्दू सभ्यता में इस महीने जल के संरक्षण का विशेष जोर दिया जाता है। ज्येष्ठ महीने में गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी जैसे व्रत भी रखे जाते हैं। ये व्रत प्रकृति में जल को बचाने का संदेश देते हैं। गंगा दशहरा में नदियों की पूजा और निर्जला एकादशी में बिना जल का व्रत रखा जाता है।

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इस महीने की शुरुआत जहां नारद जयंती से शुरु होती है। वहीं इस माह का अंतिम पर्व गायंत्री जयंती (2 जून 2020) है। इसके अलावा ज्येष्ठ माह में अचला एकादशी, शनि जयंती और वट सावित्री जैसे बड़े धार्मिक व्रत एवं त्योहार पड़ते हैं। जानते हैं इन पर्वों और त्योहारों की तारीखें-

नारद जयंती 
नारद जयंती ‘देवऋषि नारद मुनि’ के जन्म दिवस के रूप में वैशाख कृष्ण प्रतिपदा के दिन मनाई जाती है। इस साल नारद जयंती 8 मई को है।  

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अपरा एकादशी
अपरा एकादशी 18 मई को है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को अपरा एकादशी अथवा अचला एकादशी के नाम से जाना जाता है। सनातन मान्यता के अनुसार, एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।

शनि जयंती
शनि जयंती पर्व 22 मई को है। हिंदू पंचांग के अनुसार प्रति वर्ष ज्येष्ठ मास की अमावस्या को शनि जयंती मनाई जाती है। इस दिन शनिदेव की विशेष पूजा की जाती है। 

वट सावित्री व्रत
धार्मिक मान्यता के अनुसार, वट सावित्री व्रत हिंदू विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं। इस साल वट सावित्री व्रत 22 मई को है।

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महेश नवमी
महेश नवमी 31 मई को है। महेश नवमी प्रतिवर्ष ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है। माहेश्वरी समाज की उत्पत्ति भगवान शिव के वरदान स्वरूप मानी गई है जिसका उत्पत्ति दिवस ज्येष्ठ शुक्ल नवमी है।

गायत्री जयंती
गायंत्री का पर्व 2 जून को है। यह पर्व मां गायत्री का जन्मोत्सव है। मां गायत्री को वेद माता भी कहा जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार गायत्री जयंती का पर्व प्रति वर्ष ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है।

निर्जला एकादशी
ज्येष्ठ मास में शुक्लपक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी और भीमसेनी एकादशी के रूप में मनाया जाता है। इस एकादशी व्रत में पानी पीना वर्जित माना जाता है इसलिए इस एकादशी को निर्जला कहते है। यह व्रत 2 जून को रखा जाएगा।