Mahalakshmi fast begins: नई दिल्ली। भाद्रपद मास में महालक्ष्मी व्रत का बहुत महत्व होता है। अगर आप आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे तो देवी का व्रत और पूजन आपके कष्ट को दूर कर सकता है। इस व्रत को करने से धन-धान्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। भगवान विष्णु की पत्नी देवी लक्ष्मी धन-ऐश्वर्य और सुख-समृद्धि प्रदान करने वाली मानी गई हैं। महालक्ष्मी व्रत का समापन 17 सितंबर को होगा।
हिंदू धर्म में हर एक व्रत और त्योहार का विशेष महत्व है। इन व्रत और त्योहारों में अलग-अलग देवी-देवताओं का पूजन किया जाता है। ऐसे ही त्योहारों में से एक 16 दिनों तक मनाया जाने वाला महालक्ष्मी व्रत भी भाद्रपद की अष्टमी तिथि से आरंभ होता है। इस व्रत में मां लक्ष्मी का विधि-विधान से पूजन किया जाता है। यह व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से शुरू होकर आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को संपन्न होते हैं।
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Mahalakshmi fast begins: मान्यता है कि महालक्ष्मी व्रत करने से जीवन की समस्याएं दूर होती हैं और मां लक्ष्मी की कृपा से मन की मुरादें पूरी होती हैं। हिंदू धर्म में इस व्रत को काफी शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस व्रत में अन्न ग्रहण नहीं किया जाता है। 16वें दिन महालक्ष्मी व्रत का उद्यापन करते हैं। इस साल 3 सितंबर से महालक्ष्मी व्रत प्रारंभ हो चूका है और 17 सितंबर को महालक्ष्मी व्रत पूर्ण होंगे।
महालक्ष्मी व्रत के दौरान इन बातों का रखें विशेष ध्यान
1. महालक्ष्मी व्रत के दौरान पूरे घर को तामसिक भोजन से दूर रहना चाहिए। लहसुन-प्याज का सेवन भी न करें।
2. सोने-चांदी के सिक्के, मिठाई व फल आदि यथाशक्ति पूजा में जरूर रखें। इसके बाद देवी के आठोंंरूप की पूजा करें और कुंकुम, चावल और फूल चढ़ाते हुए मंत्र जाप करें।
Mahalakshmi fast begins: 3. पान के पत्तों से सजे कलश में पानी भरकर मंदिर में रखें. कलश के ऊपर नारियल रखें।
4. कलश के चारों तरफ लाल धागा बांधे और कलश पर कुमकुम से स्वास्तिक बनाएं। स्वास्तिक बनाने से जीवन में पवित्रता और समृद्धि आती है।
5. कलश में चावल और सिक्के जरूर डालें। इसके बाद इस कलश को महालक्ष्मी के पूजास्थल पर रखें। पूजा स्थल पर पूरे समय अखंड ज्योति जरूर जलाएं।
6. कलश के पास हल्दी से कमल बनाकर उस पर माता लक्ष्मी की मूर्ति प्रतिष्ठित करें। मिट्टी का हाथी बाजार से लाकर या घर में बना कर उसे स्वर्णाभूषणों से सजाएं। नया खरीदा सोना, हाथी पर रखने से पूजा का विशेष लाभ मिलता है।
7. माता लक्ष्मी की मूर्ति के सामने श्रीयंत्र भी रखें. कमल के फूल से पूजन करें।
8. इन आठ रूपों में मां लक्ष्मी की पूजा करें- श्री धन लक्ष्मी मां, श्री गज लक्ष्मी मां, श्री वीर लक्ष्मी मां, श्री ऐश्वर्या लक्ष्मी मां, श्री विजय लक्ष्मी मां, श्री आदि लक्ष्मी मां, श्री धान्य लक्ष्मी मां और श्री संतान लक्ष्मी मां।