रायगढ़, छत्तीसगढ़। रायगढ़ में एक अजीब वाकया सामने आया है। भगवान भोलेनाथ को कुछ दिन पहले नजूल भूमि पर मंदिर निर्माण को लेकर नोटिस दिया गया था।
इसके जवाब में भगवान शुक्रवार को तहसील कोर्ट में पेशी पर पहुंचे। भगवान तो तय समय पर पहुंच गए लेकिन नोटिस देने वाले अधिकारी ही तहसील कार्यालय से नदारद मिले।
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वहीं याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने रायगढ़ तहसील न्यायालय को संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए। तहसील न्यायालय ने संबंधित लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जिसमें शिव मंदिर, कऊहाकुंडा को नोटिस दे दिया।
ऐसे में शुक्रवार को कऊहाकुंडा वार्ड के स्थानीय लोग शिवलिंग को रिक्शे में लेकर नोटिस की कॉपी के साथ तहसील न्यायालय में पेशी पर पहुंचे। तहसीलदार जनसुनवाई में व्यस्त होने के कारण मामले की सुनवाई नहीं कर सके।
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इस मामले में नायब तहसीलदार का कहना है कि मंदिर को नोटिस, लिपिकीय त्रुटि की वजह से जारी हुआ था। इस मामले में अन्य लोगों को नोटिस दिया गया है। नोटिस की सुनवाई अप्रैल महीने की 13 तारीख को होगी।
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पूरा मामला यह है कि रायगढ़ नगर निगम क्षेत्र के वार्ड नंबर 25 कऊहाकुंडा में एक महिला द्वारा नजूल भूमि पर अवैध कब्जे को हटाने के लिए छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी।