Aarti Ambe Maa ki : नवरात्रि में हो जागरण यां हो माता की चौंकी, हर शुभ कार्य से पूर्व की जाने वाली अम्बे माँ की दिव्य आरती | Aarti Ambe Maa ki

Aarti Ambe Maa ki : नवरात्रि में हो जागरण यां हो माता की चौंकी, हर शुभ कार्य से पूर्व की जाने वाली अम्बे माँ की दिव्य आरती

Be it Jagran or Mata Ki Chaunki in Navratri, the divine Aarti of Ambe Maa is done before every auspicious work

Edited By :   Modified Date:  October 5, 2024 / 05:00 PM IST, Published Date : August 23, 2024/5:44 pm IST

Aarti Ambe Maa ki : आरती को माता रानी का आशीर्वाद प्राप्त करने का सबसे अच्छा तरीका माना जाता है। किसी भी पूजा का समापन हमेशा आरती से करने का मतलब यही है कि अब पूजन समाप्त हो गया है और हम मैय्या से कुशलता की कामना करने वाले हैं। आरती करने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और मनोकामना पूरी होती है।

Aarti Ambe Maa ki : आईये हम सुनें और पढ़ें माँ दुर्गा की आरती

जय अम्बे गौरी,
मैया जय श्यामा गौरी ।
तुमको निशदिन ध्यावत,
हरि ब्रह्मा शिवरी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

मांग सिंदूर विराजत,
टीको मृगमद को ।
उज्ज्वल से दोउ नैना,
चंद्रवदन नीको ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

कनक समान कलेवर,
रक्ताम्बर राजै ।
रक्तपुष्प गल माला,
कंठन पर साजै ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

Aarti Ambe Maa ki

केहरि वाहन राजत,
खड्ग खप्पर धारी ।
सुर-नर-मुनिजन सेवत,
तिनके दुखहारी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

कानन कुण्डल शोभित,
नासाग्रे मोती ।
कोटिक चंद्र दिवाकर,
सम राजत ज्योती ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

शुंभ-निशुंभ बिदारे,
महिषासुर घाती ।
धूम्र विलोचन नैना,
निशदिन मदमाती ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

चण्ड-मुण्ड संहारे,
शोणित बीज हरे ।
मधु-कैटभ दोउ मारे,
सुर भयहीन करे ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

Aarti Ambe Maa ki

ब्रह्माणी, रूद्राणी,
तुम कमला रानी ।
आगम निगम बखानी,
तुम शिव पटरानी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

चौंसठ योगिनी मंगल गावत,
नृत्य करत भैरों ।
बाजत ताल मृदंगा,
अरू बाजत डमरू ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

तुम ही जग की माता,
तुम ही हो भरता,
भक्तन की दुख हरता ।
सुख संपति करता ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

Aarti Ambe Maa ki

भुजा चार अति शोभित,
वर मुद्रा धारी । [खड्ग खप्पर धारी]
मनवांछित फल पावत,
सेवत नर नारी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

कंचन थाल विराजत,
अगर कपूर बाती ।
श्रीमालकेतु में राजत,
कोटि रतन ज्योती ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

Aarti Ambe Maa ki

श्री अंबेजी की आरति,
जो कोइ नर गावे ।
कहत शिवानंद स्वामी,
सुख-संपति पावे ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

जय अम्बे गौरी,
मैया जय श्यामा गौरी ।

———-

Read more : यहाँ पढ़ें और सुनें

Chandraghanta Mata ki Katha : आज नवरात्री के तीसरे दिन ज़रूर पढ़ें माँ दुर्गाजी की तीसरी शक्ति माँ चंद्रघंटा की निरुपम कथा

Kushmanda Devi ki Katha : नवरात्री के चौथे दिन ज़रूर पढ़ें ब्रह्मांड की रचयिता देवी कूष्मांडा जी की अद्भुत कथा

Chandraghanta Mata ki Aarti : नवरात्री के तीसरे दिन करना न भूलें अत्यंत सौम्यता एवं शांति से परिपूर्ण माँ चंद्रघंटा की आरती, समस्त पाप और बाधाओं से मिलेगी मुक्ति

Kushmanda Devi ki Aarti : नवरात्री के चौथे दिन ज़रूर पढ़ें समस्त सृष्टि को उजागर करने वाली माँ कुष्मांडा देवी की आरती

Shardiya Navratri 2024 : नवरात्री के नौ दिन लगातार पढ़ें और सुनें श्री दुर्गा चालीसा का पाठ, मिलेगी खोयी हुई धन संपत्ति और सम्मान

Devi Durga Kavach in hindi : रोज़ाना सुनने मात्र से ही होगा चमत्कारी लाभ, मनोकामना एवं इच्छा पूर्ति के लिए ज़रूर करें देवी दुर्गा कवच का पाठ

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए हमारे फेसबुक फेज को भी फॉलो करें
IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें
Follow the IBC24 News channel on WhatsApp