Buddha Purnima 2023
Buddha Purnima and chandra grahan 2023 :इस साल पहला चंद्र ग्रहण बुद्ध पूर्णिमा के दिन हेाने वाला है। चंद्र ग्रहण का अत्यधिक धार्मिक महत्व भी होता है। बुद्ध पूर्णिमा को गौतम बुद्ध के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। वहीं ग्रहण लगना एक भौगोलिक घटना है। ऐसे में पूर्णिमा के दिन कुछ विशेष बातों का ध्यान रखने की जरूरत बताई जाती है। इस दिन महायोग भी बन रहा है। पूरे 130 साल बाद चंद्र ग्रहण और बुद्ध पूर्णिमा के दिन महायोग बन रहा है।
बता दें कि इस साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई, बुद्ध पूर्णिमा के दिन लगने वाला है। इस चंद्र ग्रहण को उपच्छाया चंद्र ग्रहण बताया जा रहा है। चंद्र ग्रहण पूर्णिमा की रात यानी 5 मई की रात 8 बजकर 45 मिनट पर लगेगा और इसकी समाप्ति रात 1:00 बजे होगी। इस चंद्र ग्रहण को भारत से नहीं देखा जा सकेगा जिस चलते इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा।
Buddha Purnima 2023: वैशाख पूर्णिमा तिथि 4 मई रात 11 बजकर 34 मिनट से शुरू हो रही है और इसकी समाप्ति 5 मई की रात 11 बजकर 3 मिनट पर होगी वैशाख पूर्णिमा की उदयातिथि 5 मई के दिन है इसीलिए पूर्णिमा का स्नान, दान और पूजा आदि 5 मई के दिन ही किया जाएगा।
पूर्णिमा के दिन स्नान का मुहूर्त सुबह 4 बजकर 12 मिनट से 4 बजकर 55 मिनट बताया जा रहा है। चंद्रमा को अर्घ्य देने का समय 5 मई शाम 6 बजकर 45 मिनट पर है।
1.मान्यतानुसार बुद्ध पूर्णिमा के दिन तामसिक भोजन, शराब और मांसाहार आदि खाने से परहेज करना चाहिए।
2.चंद्र ग्रहण के दिन गर्भवती महिलाओं और बुजुर्ग व रोगग्रस्त लोगों को खास सावधानी बरतने के लिए कहते हैं।
3.बुद्ध पूर्णिमा के दिन बौद्ध धर्म के अनुयायी मुक्ति और अहिंसा के रूप में चिड़ियों और जानवरों को पिंजरे से आजाद कर देते हैं।
4.इस दिन तुलसी के पत्तों को तोड़ना वर्जित कहा जाता है। पूर्णिमा तिथि पर तुलसी के पत्ते तोड़ने पर भगवान विष्णु नाराज हो जाते हैं।
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