मिथुन सहित 4 राशियों का होने जा रहा भाग्योदय, बनने जा रहे ये 3 राजयोग, जॉब-बिजनेस पर पड़ेगा सकारात्मक प्रभाव

NeechBhang Rajyog, Matsya Rajyog ग्रहों के परिवर्तन से बना 3 राजयोग, 2 महीने मिथुन सहित 4 राशियों को भाग्योदय, साथ बनेगा मत्स्य राजयोग

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  • Publish Date - June 16, 2023 / 08:37 AM IST,
    Updated On - June 16, 2023 / 08:37 AM IST

NeechBhang Rajyog, Matsya Rajyog: हर व्यक्ति के जीवन में ग्रहों का काफी महत्व होता है। जातकों की कुंडली में राशि के परिवर्तन का बेहद महत्वपूर्ण असर पड़ता है। राशि गोचर के साथ ही जातकों के जीवन में भी महत्वपूर्ण बदलाव होते हैं। वही वैदिक ज्योतिष में मंगल को ग्रहों का सेनापति और योद्धा माना जाता है।

NeechBhang Rajyog, Matsya Rajyog: मंगल रक्त का कारक है और किसी के साहस और पराक्रम को प्रदर्शित करते हैं। मंगल 1 जुलाई को सिंह राशि में प्रवेश करेंगे। सिंह राशि में प्रवेश करने के साथ ही 17 अगस्त तक सिंह राशि में विराजमान रहेंगे। सूर्य की राशि में मंगल प्रवेश 3 राशि के जातकों के लिए बेहद शुभ माना जा रहा है।

NeechBhang Rajyog, Matsya Rajyog: मंगल का राशि परिवर्तन कई मायनों में शुभ है। एक तरफ जहां जातकों को अच्छा मुनाफा और फायदा होगा। वहीं उनके अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा। मंगल के राशि परिवर्तन के साथ ही एक महत्वपूर्ण और विशेष राजयोग का भी निर्माण हो रहा है। जिसका नाम है नीच भंग राजयोग।

नीचभंग राजयोग का निर्माण

– NeechBhang Rajyog, Matsya Rajyog: किसी कुंडली में एक उच्च ग्रह के साथ एक नीचे ग्रह होने पर नीच भंग राज योग का निर्माण होता है। शुक्र और बुध को मीन राशि में रखा जाए तो बुध दुर्बल और शुक्र उच्च के हो, तब नीच भंग राजयोग का निर्माण होता है।
– NeechBhang Rajyog, Matsya Rajyog: कुंडली में कोई ग्रह यदि नीच राशि में हो और उस राशि में उच्च होने वाले ग्रह चंद्रमा से केंद्र स्थान में हो, तब नीच भंग राज योग का निर्माण होता है।
– NeechBhang Rajyog, Matsya Rajyog: कुंडली में किसी ग्रह की नीच राशि का स्वामी और उसकी उच्च राशि का स्वामी परस्पर केंद्र स्थान में विराजमान हो, तब नीच भंग राज योग का निर्माण होता है।

राजयोग का प्रभाव

मिथुन

NeechBhang Rajyog, Matsya Rajyog: इस राशि के जातक के लिए मंगल का गोचर बेहद शुभ माना जा रहा। मंगल छठे भाव के स्वामी है और 1 जुलाई को तीसरे भाव में गोचर करेंगे। तीसरे भाव को साहस और पराक्रम को माना जाता है। धन निवेश में वृद्धि होगी। रियल एस्टेट प्रॉपर्टी में लाभ होगा। शत्रु आपके सामने प्रभावहीन हो जाएंगे। इसके साथ ही आपकी जीत सुनिश्चित होगी। कार्यस्थल पर अधिकारी की प्रशंसा होगी। पद प्रतिष्ठा का मान मिलेगा। सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे जातकों को लाभ मिलेगा। वहीं अधिकारियों को सहयोग मिलेगा।

धनु

NeechBhang Rajyog, Matsya Rajyog: धनु राशि के जातक के लिए मंगल पंचम और द्वादश भाव के स्वामी है और भाग्य स्थान में इनका गोचर हो रहा है।इस भाव में विराजमान मंगल की चौथी दृष्टि द्वादश भाव में पड़ रही है जबकि सप्तम दृष्टि आप के तीसरे व पर पड़ रही है। अष्टम सृष्टि चौथे भाव पर पड़ रही है। ऐसे में धार्मिक यात्राएं होंगी। गुरुओं का सम्मान मिलेगा । विदेश से जुड़े लोगों को अच्छा मुनाफा मिल सकता है। व्यापार में लाभ अर्जित करेंगे। समय अनुकूल रहेगा। संपत्ति का विवाद सुलझ सकता है। वाहन और भवन की खरीदारी कर सकते हैं।

मीन

NeechBhang Rajyog, Matsya Rajyog: मंगल का गोचर मीन राशि के लिए भी अच्छा माना जा रहा है। दूसरे और भाग्य स्थान के स्वामी होने के बाद मंगल का गोचर छठे भाव में होगा। ऐसे में शुभ परिणाम देखने को मिलेंगे। मनचाहा प्रमोशन हो सकता है। पूरी तरह से शत्रु नष्ट होंगे। भाग्य स्थान पर भाग्य का साथ मिलेगा। विदेश जाने का मौका मिल सकता है। किसी काम के सिलसिले में यात्रा करनी पड़ सकती है। आत्मविश्वास बढ़ेगा। पराक्रम में वृद्धि होगी। मान-सम्मान की प्राप्ति होगी। इसके साथ ही नेतृत्व क्षमता का विकास होगा।

मत्स्य योग का निर्माण

NeechBhang Rajyog, Matsya Rajyog: आपकी कुंडली के लग्न और नवम भाव में शुभ ग्रहों का होना आवश्यक है।पंचम भाव में शुभ और अशुभ ग्रहों का समावेश होना चाहिए।साथ ही चौथे और आठवें भाव में अशुभ ग्रहों की उपस्थिति भी होनी चाहिए। मत्स्य योग के निर्माण के लिए इन सभी शर्तों को पूरा करना आवश्यक है। नवम भाव का स्वामी भी शुभ ग्रह होना चाहिए।

मत्स्य योग का लाभ

– मत्स्य योग की उपस्थिति से व्यक्ति कुशल ज्योतिषी बनता है।
– NeechBhang Rajyog, Matsya Rajyog: जातक बुद्धिमान और सुंदर हो सकते हैं।
– कुण्डली में यह योग है तो आप में कई सकारात्मक गुण हो सकते हैं।
– मत्स्य योग के प्रभाव से आप बलवान, धार्मिक और प्रसिद्ध होते हैं।
– NeechBhang Rajyog, Matsya Rajyog: विभिन्न विषयों का भी अथाह ज्ञान रहेगा।

विष्णु योग का निर्माण

NeechBhang Rajyog, Matsya Rajyog: नवमांश का स्वामी जिसमें नवम भाव स्थित है, और दशम भाव का स्वामी नवम भाव के साथ द्वितीय भाव में आता है तो विष्णु योग का निर्माण होता है।

विष्णु योग से लाभ

– विष्णु योग से आप निश्चित रूप से एक सुखद और आनंदमय जीवन व्यतीत करेंगे।
– आप विभिन्न देशों और उनके लोगों से भी धन अर्जित करेंगे।
– NeechBhang Rajyog, Matsya Rajyog: आपकी वाणी आपकी एक आकर्षक विशेषता है
– आप बिना किसी रोग के स्वस्थ जीवन व्यतीत करेंगे और शासकों द्वारा भी आपकी प्रशंसा की जाएगी।
– NeechBhang Rajyog, Matsya Rajyog: धन प्रतिष्ठा और सम्मान का लाभ मिलता है

(Disclaimer: यह एक सामान्य जानकारी पर आधारित है। IBC24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह और जानकारी के लिए अपने ज्योतिषाचार्य की सलाह अवश्य लें।)

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