Kendra Trikon Rajyog: हर व्यक्ति के जीवन में ग्रहों का काफी महत्व होता है। ग्रहों के परिवर्तन के साथ ही राशियों में कई भाग्यशाली योग का निर्माण होता है। भविष्य और वर्तमान पर इनके गहरे प्रभाव नजर आते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी ग्रह अवधि के बाद अपनी चाल बदलते हैं। इसके प्रभाव से सभी राशियों पर सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव नजर आते हैं। इसी बीच कर्म और न्याय के देवता शनि देव वक्री स्थिति में जाने की तैयारी में हैं। शनि के वक्री होने के साथ ही 12 राशियों पर इसके कई महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने वाले हैं।
Kendra Trikon Rajyog: शनि देव को कर्मफल का देवता माना जाता है। इसके साथ ही उन्हें न्याय प्रदाता भी कहा जाता है। शनि ग्रह सबसे धीमी गति से राशि परिवर्तन करते हैं और एक राशि परिवर्तन के लिए शनि ढाई साल का समय लेते हैं। 17 जून को शनि देव कुंभ राशि में वक्री अवस्था में गोचर करेंगे। इसके साथ ही 4 नवंबर तक कुंभ राशि में शनि उल्टी चाल में रहेंगे। वहीं अन्य ग्रहों के राशि परिवर्तन के साथ ही वक्री शनि केंद्र त्रिकोण राजयोग का निर्माण करेंगे।
Kendra Trikon Rajyog: केंद्र त्रिकोण राजयोग एक भाग्यशाली योग माना जाता है। इसका भविष्य और वर्तमान पर गहरा असर पड़ता है। इस राज्यों को राज्यों की प्रमुख श्रेणियों में गिना जाता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कुंडली में जब 3 केंद्र भाव जैसे 3, 4, 7 10 त्रिकोण भाव जैसे 1, 5, 9 आपस में युति निर्मित करते हैं अथवा दृष्टि संबंध और राशि परिवर्तन करते हैं, तब केंद्र त्रिकोण राजयोग का निर्माण होता है। केंद्र त्रिकोण राजयोग के परिणाम स्वरुप जातक को भाग्योदय, पैसे में उन्नति, सरकारी लाभ और नौकरी में शीर्ष स्थान प्राप्त होता हैं।
Kendra Trikon Rajyog: माता लक्ष्मी को त्रिकोण भाव की देवी की मान्यता दी गई है। वहीं भगवान विष्णु को केंद्र भाव के देवता के रूप में विराजमान किया गया। ऐसे में केंद्र त्रिकोण राजयोग में यदि नवम भाव उच्च का हो तो जातकों के लिए शुभ लक्ष्मी योग का निर्माण होता है। इससे धन निवेश, स्वास्थ्य लाभ, नौकरी प्रतिष्ठा का लाभ मिलता है।
Kendra Trikon Rajyog: शनिदेव उल्टी चाल चलते हैं तो उसे वक्री शनि कहा जाता है। पृथ्वी से देखने पर शनि उल्टी दिशा में चलते हुए दिखाई देते हैं। भौगोलिक रूप से शनि की गति की दिशा में कोई परिवर्तन नहीं होता है। एक तरफ जहां वक्री शनि की अवस्था के साथ ही ‘केंद्र त्रिकोण राजयोग’ का निर्माण हो रहा है। दूसरी तरफ वक्री शनि कई राशियों के लिए नकारात्मक प्रभाव भी लेकर आएंगे।
Kendra Trikon Rajyog: केंद्र त्रिकोण राजयोग से कई राशियों का भाग्य उदय होना है। वृषभ राशि के जातकों के लिए शनि की वक्री अवस्था शुरू होने वाली है। शनिदेव आपकी राशि के स्वामी शुक्र के मित्र हैं। ऐसे में वृषभ राशि के दशम भाव में वक्री होकर गोचर करने से इन लोगों को लाभ मिलेगा। भाग्य स्थान और कर्म स्थान के स्वामी बनकर शनि आपके भाग्य को उन्नति प्रदान करेंगे। जिसके कारण वृषभ राशि वाले को व्यवसाय सहित नौकरी और रोजगार में सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिलेगा। निवेश से लाभ मिल सकता है। नई नौकरी के ऑफर आ सकते हैं। साथ ही शनि की गोचर कुंडली के कर्म भाव में राजयोग का निर्माण कर रहे हैं। ऐसे में संसाधनों में वृद्धि होगी। जिसका महत्वपूर्ण लाभ मिलेगा।
Kendra Trikon Rajyog: सिंह राशि के जातकों के लिए भी वक्री शनि की अवस्था बेहद लाभकारी साबित हो रही है। शनि आप के छठे भाव के स्वामी हैं। इस भाव पर सभी का स्वामित्व होने की वजह से जातकों के लिए समय बेहद शुभ माना जा रहा है। शनि आपकी गोचर कुंडली में सप्तम भाव में केंद्र और शश राजयोग का निर्माण करेंगे। रोजगार के प्रयास में सफलता मिलेगी। पुराने रोग से भी मुक्ति मिल सकती है। व्यापार में महत्वपूर्ण लाभ मिलेगा।
Kendra Trikon Rajyog: तुला राशि वाले के लिए शनि की वक्री अवस्था में निर्मित त्रिकोण राजयोग बेहद लाभकारी माना जा रहा है। तुला राशि वाले के लिए कुंडली के शनि देव पंचम भाव में राजयोग का निर्माण करेंगे। ऐसे में संतान पक्ष से सफलता मिलेगी। मनचाही सफलता हाथ लगेगी। बैंकिंग- निवेश में लाभ मिल सकता है। इसके साथ ही वैवाहिक जीवन में भी सफलता के संकेत मिलते नजर आ रहे हैं।
Kendra Trikon Rajyog: मेष राशि के जातकों को सनी की उल्टी चाल से सावधान रहने की आवश्यकता है। इस दौरान उन्हें धन हानि के संकेत मिल रहे हैं। साथ ही असफलता हाथ लग सकती है। जो भी कार्य करेंगे, उसमें कड़ी मेहनत के बाद कम सफलता मिलने के आसार नजर आ रहे। विरोधी पक्ष से किसी मुद्दे पर वाद विवाद की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है। तनाव में वृद्धि के संकेत मिलते नजर आ रहे हैं।
Kendra Trikon Rajyog: शनि की उल्टी चाल का असर कर्क राशि पर भी चलेगा। कर्क राशि पर शनि की ढैया चल रही है। ऐसे में वक्री शनि के दौरान कर्क राशि की परेशानी में बढ़ोतरी होगी। आर्थिक क्षेत्र में हानि हो सकती है। इसके साथ ही स्वास्थ्य पर भी इसका व्यापक असर देखने को मिल सकता है।
Kendra Trikon Rajyog: तुला राशि वाले के लिए शनि की उल्टी चाल अशुभ प्रभाव दे सकती है। मुश्किल में बढ़ोतरी होगी। नौकरी में सावधानी बरतने की आवश्यकता है। धन और निवेश हानि के आसार बनते नजर आ रहे हैं। स्वास्थ्य को लेकर विशेष ध्यान रखना होगा। तनाव में वृद्धि हो सकती है।
Kendra Trikon Rajyog: कुंभ राशि के जातकों के लिए भी शनि की उल्टी चाल परेशानी खड़ी कर सकती है। दरअसल शनि अपनी ही राशि कुंभ में उल्टी चाल चलेंगे। ऐसे में इनपर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। शारीरिक और मानसिक तनाव सहित कार्य क्षेत्र में भी जातकों के लिए नई परेशानी खड़ी हो सकती है। धन और निवेश हानि के भी संकेत मिलते नजर आ रहे हैं। इसके साथ ही परिवार में लोगों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान रखना होगा।
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