Gajlaxmi/Bhadra Rajyog: ज्योतिष शास्त्र में ग्रह नक्षत्र एवं योग को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। वही एक समय अंतराल के बाद ग्रहों के चाल बदलने से युति और राजयोग का निर्माण होता है, जिसका असर राशियों पर भी बहुत गहरा पड़ता है। वैदिक पंचांग के अनुसार शुक्र ग्रह 3 अगस्त को कर्क राशि में वक्री होने जा रहे हैं, जिससे गजलक्ष्मी राजयोग का निर्माण होगा, जो तुला मिथुन और कन्या का भाग्य चमकाएगा। बुध ग्रह 1 साल बाद अपनी स्वराशि कन्या में प्रवेश करने जा रहे हैं, जिससे अक्टूबर में भद्र राजयोग का निर्माण होगा, जो कन्या, मकर और धनु राशि वालों के लिए बहुत ही शुभ होने वाला है।
Gajlaxmi/Bhadra Rajyog: जब राहू मेष राशि में पहले से ही विद्यमान हो और गुरु बृहस्पति मेष राशि में उसी समय प्रवेश कर जाएं तब गजलक्ष्मी योग का निर्माण होता है। ।गजलक्ष्मी योग जिस भी राशि में बनता है उस राशि से शनि की साढ़े साती खत्म हो जाती है, धन-सुख में वृद्धि होती है और निराशा का नकारात्मक असर दूर हो जाता है।
Gajlaxmi/Bhadra Rajyog: गजलक्ष्मी राजयोग शुभ साबित हो सकता है। जो नौकरीपेशा लोग हैं, उनकी इस समय पदोन्नति हो सकती है। भौतिक सुख और सुविधाओं में इजाफा होगा। व्यापार में अच्छा लाभ हो सकता है। काम- कारोबार में सफलता मिलने के संकेत हैं। ऑफिस में सहयोगियों के साथ आपके संबंध पहले से और बेहतर होंगे।
Gajlaxmi/Bhadra Rajyog: गजलक्ष्मी राजयोग मिथुन राशि के जातकों को अनुकूल सिद्ध हो सकता है। खर्च पर पहले से अधिक नियंत्रण रहेगा और आप धन की बचत कर पाएंगे। मीडिया, मार्केटिंग, शिक्षा या कम्यूनिकेशन से जुड़े हुए लोगों के लिए समय शानदार साबित हो सकता है। गोचर कुंडली के धन भाव पर वक्री होने से आर्थिक स्थिति में सुधार आने के योग बनेंगे।
Gajlaxmi/Bhadra Rajyog: गजलक्ष्मी राजयोग लाभप्रद सिद्ध हो सकता है। पुराने निवेशों से लाभ और रुका हुआ धन मिलेगा ।संतान पक्ष की ओर से कोई शुभ समचार मिल सकता है। लोग शेयर बाजार, सट्टा और लॉटरी में धन का निवेश से लाभ मिलेगा। योजनाएं सफल होंगी और आय के नए- नए स्त्रोत बनेंंगे।
Gajlaxmi/Bhadra Rajyog: वैदिक ज्योतिष के अनुसार, जातक कुंडली में पंच महापुरुष योग का बड़ा महत्व होता है। इस योग का निर्माण तब होता है जब कुंडली में बुध, मंगल, बृहस्पति, शुक्र और शनि ग्रह केंद्र भावों में अपनी-अपनी राशि में मजबूत स्थिति में बैठे हुए हों। इन पंच महापुरुष में आने वाले योग भद्र योग( , हंस योग, माल्वय योग, रूचक योग और शश योग हैं। कुंडली के पहले घर में बुध के द्वारा भद्र योग बनाने से जातक को स्वास्थ्य मान-सम्मान, चौथे भाव में होने से संपत्ति-घर-वाहन, सातवें भाव मे वैवाहिक सुख और 10वें भाव में नौकरीपेशा वालों को सरकारी अथवा निजी क्षेत्र में पदोन्नति, ग्रोथ और इंक्रीमेंट मिल सकता है।
Gajlaxmi/Bhadra Rajyog: बुध ग्रह और भद्र राजयोग शुभ साबित हो सकता है। आप लोगों की गोचर कुंडली के लग्न भाव में बनने जा रहा है। जीवनसाथी की सफलता के योग बनेंगे। शादीशुदा लोगों के लिए अनुकूल समय है। पार्टनरशिप के काम में आपको लाभ हो सकता है। जो लोग अविवाहित हैं, उनको रिश्ते का प्रस्ताव आ सकता है।
Gajlaxmi/Bhadra Rajyog: भद्र राजयोग बनने से जातकों के अच्छे दिन शुरू हो सकते हैं।धर्म- कर्म के काम में पैसा खर्च कर सकते हैं। भौतिक सुख और सुविधाओं में लाभ होगा। आप काम- कारोबार के सिलसिले से यात्रा भी कर सकते हैं। भाग्य का साथ मिलेगा और कोर्ट- कचहरी के मामलों में सफलता मिल सकती है।
Gajlaxmi/Bhadra Rajyog: भद्र राजयोग का बनना शुभ फलदायी सिद्ध हो सकता है। ऑफिस में सहयोगियों के साथ आपके संबंध पहले से और बेहतर होंगे। कारोबारी को अच्छे ऑर्डर मिल सकते हैं। आप नया काम शुरू कर सकते हैं। बेरोजगार लोगों को नौकरी मिल सकती है। साथ ही जो नौकरपेशा लोग हैं, उनके इंक्रीमेंट और प्रमोशन के योग बन रहे हैं।
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