Gajkesari shash and budhaditya Rajyog: हर व्यक्ति के जीवन में ग्रहो का काफी महत्व होता है। ज्योतिष शास्त्र में भी ग्रहों का बड़ा महत्व है, हर ग्रह एक निश्चित समय अंतराल के बाद राशि परिवर्तित करते है। इन ग्रहों के गोचर से युति और राजयोग का निर्माण होता है। इसी कड़ी में अब अगस्त में गजकेसरी राजयोग का निर्माण होने जा रहा है, इससे कई जातकों को लाभ मिलेगा। वही कुंडली में अगर शश और बुधादित्य योग हो तो सरकारी नौकरी, सफलता और पदोन्नति के प्रबल योग माने जाते है।
Gajkesari shash and budhaditya Rajyog: इस साल सावन महीने में 2 बार गजकेसरी योग का निर्माण कई राशि वालों के लिए शुभ साबित होगा।हाल ही में पहला गजकेसरी योग 10 जुलाई को शाम करीब 7 बजे से लेकर 12 जुलाई की देर रात तक निर्मित हुआ था, इस दौरान चंद्रमा का प्रवेश मेष राशि में हुआ था चुंकी गुरु मेष में पहले से ही विराजमान थे, इसके असर से दोनों की युति बनी और गजकेसरी योग का निर्माण हुआ है। अब अगस्त में फिर मेष राशि में चंद्रमा और गुरु की युति से सावन का दूसरा गजकेसरी योग बनेगा। 7 अगस्त को चंद्रमा मेष राशि में आएगा और गुरु के साथ मिलकर गजकेसरी योग का निर्मााण करेगा। यह गजकेसरी योग 9 अगस्त को सुबह 07:43:02 एएम तक मान्य होगा।
Gajkesari shash and budhaditya Rajyog: गजकेसरी योग मेष राशि में ही बनेगा, इसके शुभ प्रभाव से भाग्योदय हो सकता है। नौकरीपेशा को कोई बड़ा पद मिल सकता है, करियर में तरक्की होगी। कोई नई योजना या नया कारोबार शुरू कर सकते हैं। गुरु के प्रभाव से विवाह के प्रबल योग है, आपका दांपत्य जीवन खुशहाल रहेगा।
Gajkesari shash and budhaditya Rajyog: गजकेसरी योग मिथुन राशि वालों के लिए भाग्यशाली रहने वाला है। व्याापार में जबरदस्त फायदा हो सकता है। व्यापार से जुड़े लोगों को भी इस माह में लाभ हो सकता है।धन लाभ अर्जित करेंगे । बैंक- बैलेंस में वृद्धि और कार्यक्षेत्र में आपकी तारीफ होगी।शिक्षा से जुड़े जातकों को बड़ी सफलता मिल सकती , कोई नया काम शुरू करने के लिए यह समय अनुकूल है।
Gajkesari shash and budhaditya Rajyog: कर्क राशि वालों के लिए गजकेसरी योग शुभ फलदायी रहने वाला है। व्यापारी वर्ग के लोग अपने काम का विस्तार करने में सफल हो सकते हैं। आय के नए स्रोत बनेंगे और आर्थिक पक्ष मजबूत होगा। रुका हुआ प्रमोशन का भी लाभ मिल सकता है। करियर को सही दिशा देने में सफल होंगे। तरक्की के नए रास्ते खुल सकते है।
– Gajkesari shash and budhaditya Rajyog: कुंडली में गजकेसरी योग के साथ शश योग और बुधादित्य राजयोग का भी बड़ा महत्व माना जाता है। कहते है कि कुंडली में ये राजयोग हो तो जातक को हर काम काम में सफलता मिलती है। उसके हर काम बन जाते हैं।
– Gajkesari shash and budhaditya Rajyog: शश योग कुंडली में शनि ग्रह की विशेष स्थिति के कारण बनता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में लग्न या चंद्रमा से पहले, चौथे, सातवें और दसवें घर में शनि अपने स्वयं की राशि मकर, कुंभ में या उच्च राशि तुला में मौजूद होता है तब शश योग बनता है, ऐसे व्यक्ति बड़े सरकारी अफसर, अभियंता, जज, वकील बनते हैं, यह लोग भूमि, भवन संबंधी कार्यों में भी सफलता हासिल करते हैं।
– Gajkesari shash and budhaditya Rajyog: कुंडली में गजकेसरी योग का बड़ा महत्व होता है, यह प्रबल धन लाभ का योग बनाता है। गजकेसरी राजयोग गुरु और चंद्रमा के योग से बनता है। कुंडली में गजकेसरी योग गुरु और चंद्रमा से बनता है। अगर केंद्र स्थान यानी लग्न,चौथे और दसवें भाव में गुरु-चंद्र साथ हो और बलवान हो तो यह योग बनता है वहीं अगर चंद्रमा गुरु से केंद्र में हो या फिर चंद्र पर गुरु की कोई एक दृष्टि जा रही हो तो भी यह योग बनता है।
– Gajkesari shash and budhaditya Rajyog: कुंडली में बुध और सूर्य के एक साथ होने से बुधादित्य योग बनता है। बुधादित्य योग कुंडली के जिस भाव में होता है उसे प्रबल बनाने का काम करता है। बुध और सूर्य ग्रह के एक साथ एक ही घर में होने से यह विशेष फल प्रदान करता है। अगर किसी व्यक्ति के प्रथम भाव में बुधादित्य योग बन रहा हो तो ऐसे में उस व्यक्ति को मान-सम्मान और यश की प्राप्ति होती है।बुधादित्य योग के बनने से जातक करियर के प्रति गंभीर रहता है।
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