Budhaditya Rajyoga 2023: बुधादित्य राजयोग को ज्योतिष में बेहद शुभ माना जाता है। यह योग जिस व्यक्ति की कुंडली में होता है, वह व्यक्ति समाज में मान-सम्मान, धन वैभव और प्रतिष्ठा प्राप्त करता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार 14 अप्रैल को सूर्य गोचर करके मेष राशि में प्रवेश कर चुके हैं और अब 15 मई को सूर्य गोचर करके वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे और इसके बाद 7 जून को बुध गोचर होगा। इससे शुक्र की राशि वृषभ में बुध सूर्य की युति से बुधादित्य राजयोग बनेगा।
Budhaditya Rajyoga 2023: ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, बुध पहले से ही मेष में विराजमान है, ऐसे में सूर्य बुध के साथ मिलकर बुधादित्य योग बनाएंगे। सूर्य और बुध की युति से बनने वाले इस बुधादित्य राजयोग का सभी राशि पर प्रभाव पड़ेगा। इसके अलावा मेष में राहु, गुरु, यूरेनस भी मौजूद हैं, जो पंचग्रही योग बना रहे हैं। इस तरह 15 मई तक ग्रहों की स्थिति खासी रोचक बनी हुई है।
Budhaditya Rajyoga 2023: जातकों के लिए यह राजयोग बेहद शुभ रहने वाला है। आत्मविश्वास में वृद्धि, पदोन्नति के योग धनलाभ मिलने के आसार है। बड़े लोगों से संपर्क बनेगा, जिसका भविष्य में लाभ मिलेगा। अविवाहित लोगों का विवाह तय हो सकता है, विवाह के लिए रिश्ते आ सकते है। पार्टनर के साथ आपका तालमेल बेहतर होगा और परिवार में भी खुशहाली बनी रहेगी।
Budhaditya Rajyoga 2023: सिंह राशि के स्वामी सूर्य हैं, ऐसे में यह राजयोग जातकों को बहुत लाभ देगा। आर्थिक लाभ , नौकरी-व्यापार में उन्नति और रुका हुआ धन वापस मिलने के योग है। करियर में प्रमोशन में वृद्धि के योग बनेंगे। अटके काम पूरे हो सकते है। वहीं कोर्ट- कचहरी के मामलों में आपको कामयाबी मिल सकती है। आय में वृद्धि और सफलता मिलने के संकेत है। यात्रा पर जा सकते हैं। सलाहकार, लेखक, दार्शनिक या शिक्षकों को अपने फील्ड में शानदार मौके हासिल होंगे। नई नौकरी और बेरोजगारों को रोजगार मिल सकता है। करियर के लिए अनुकूल समय और राजनीति से जुड़े लोगों को लाभ मिल सकता है।
Budhaditya Rajyoga 2023: सूर्य गोचर करियर में तरक्की, धनलाभ और सफलता देने वाला साबित हो सकता है। सैलरी बढ़ेगी, नए स्त्रोतों से भी पैसा मिलेगा। व्यापार में मुनाफा बढ़ेगा और पुराने निवेश से लाभ होगा विदेश में नौकरी करने का मौका मिल सकता है। करियर- कारोबार में सफलता मिल सकती है। व्यापारियों की आय में वृद्धि के संकेत हैं। लंबी यात्राएं भी करनी पड़ सकती हैं। घर में धार्मिक या मांगलिक कार्य का आयोजन हो सकता है, आपका और परिवार का समाज में सम्मान बढ़ेगा।
Budhaditya Rajyoga 2023: वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आदित्य का मतलब सूर्य से होता है इस तरह से जब कुंडली में सूर्य और बुध दोनों ग्रह एक साथ मौजूद हों तो बुधादित्य योग बनता है। बुधादित्य योग कुंडली के जिस भाव में मौजूद रहता है उसे वह मजबूत बना देते है। कुंडली में बुध और सूर्य के एक साथ होने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है। वही सौरमंडल में सूर्य के सबसे नजदीक बुध ग्रह ही होता है, ऐसे में कुंडली में बुध और सूर्य ज्यादातर समय एक साथ ही दिखाई देते हैं। जब किसी व्यक्ति की कुंडली में बुधादित्य योग बनता है उसे धन, सुख-सुविधा, वैभव और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।
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