धर्म। अक्षय तृतीया के दिन भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। इस दिन को देशभर में भगवान परशुराम जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। भगवान परशुराम विष्णुजी के छठे अवतार है। भगवान शिव के परमभक्त परशुराम को न्याय के देवता का अधिकार दिया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान परशुराम कलयुग के समय में आज भी पृथ्वी में मौजूद है।
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इस साल 26 अप्रैल को अक्षय तृतीया और भगवान परशुराम जयंती दोनों मनाई जाएगी। भगवान परशुराम ने अपने काल में सतयुग और त्रेतायुग दोनों को देखा है। पौराणिक कथा के अनुसार भगवान परशुराम के पिता का नाम मुनि जमदग्रि और माता का नाम रेणुका था।
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एक बार अपने पिता की आज्ञा का पालन करते हुए उन्होंने अपनी माता की हत्या कर दी। इस कारण इनपर मातृ हत्या का पाप लगा था जिसका पश्चताप करने के लिए उन्होंने भगवान शिव की आराधना की थी। इनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने परशु नाम का एक अस्त्र दिया था जिस कारण से इनका नाम परशुराम पड़ा।
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