नई दिल्ली : Chandra Grahan 2023 : सूर्य और चंद्र ग्रहण विज्ञान और ज्योतिष शास्त्र में मान्यताओं के अनुसार, अलग-अलग घटना है। वैदिक ज्योतिष में माना जाता है कि सूर्य और चंद्र ग्रहण का असर मानव जाति पर व्यापक तौर पर पड़ता है। साल 2023 में दो चंद्र और दो सूर्य ग्रहण लगने थे, जिनमें से दोनों ही एक-एक बार लग चुके हैं और 2 लगने अभी बाकी है। चंद्र ग्रहण की बात करें तो 29 अक्टूबर को रविवार के दिन लगेगा। यह चंद्र ग्रहण मध्यरात्रि 1 बजकर 6 मिनट से शुरू होगा और 2 बजकर 22 मिनट पर इसका समापन हो जाएगा।
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Chandra Grahan 2023 : साल के दूसरे और आखिरी चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 1 घंटे 16 मिनट की होगी। वैसे तो ग्रहण के 9 घंटे पहले से सूतक काल शुरू हो जाता है। इस दौरान किसी भी शुभ कार्य को किए जाने की मनाही होती है। मंदिर के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं। यहां तक की खानपान में भी मनाही होती है. इस दौरान लोग केवल भगवान का स्मरण करते हैं। हालांकि, साल का दूसरा चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा, इसलिए सूतक काल भी मान्य होगा।
Chandra Grahan 2023 : विज्ञान के अनुसार, सूर्य और चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है। इसके मुताबिक, जब सूर्य और चंद्रमा के बीच में पृथ्वी आ जाती है तो ग्रहण लगता है. वहीं, भारतीय ज्योतिष शास्त्र में इसको लेकर अलग ही थ्योरी है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, ग्रहण को समुद्र मंथन से जोड़कर देखा जाता है।
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Chandra Grahan 2023 : ऐसी मान्यता है कि जब पापी ग्रह माने जाने वाले राहु और केतु चंद्रमा को डस लेते हैं तो ग्रहण लगता है। ऐसा माना जाता है कि ग्रहण के दौरान सूर्य और चंद्र देव पीड़ा में होते हैं। ऐसे में हिंदू धर्म में ग्रहण लगना अशुभ घटना माना जाता है।