लग्नकारक योग : लग्नकारक योग राहु द्वारा निर्मित शुभ योगों में से एक है। यह योग मेष, वृष और कर्क लग्न की कुंडलियों में बनता है, जब राहु दूसरे, नौवें या 10वें भाव में नहीं होता है। ऐसे जातकों को राहु शुभ फल देता है, उन्हें संकटपूर्ण स्थितियों का सामना ना के बराबर करना पड़ता है।
व्यवसायिक उन्नति या लाभ…
पार्टनर से विवाद…
श्वसन रोग…
शांति के लिए आप-
‘‘ऊॅ शं शनिश्चराय नमः’’ का जाप कर दिन की शुरूआत करें….
भगवान आशुतोष का रूद्धाभिषेक करें….
सामाजिक प्रतिष्ठा…
सुखद पारिवारिक स्थिति….
नौकरी में पदोन्नति…
अतः शनि से उत्पन्न कष्ट के लिए –
‘‘ऊॅ शं शनिश्चराय नमः’’ का जाप कर दिन की शुरूआत करें..
भगवान आशुतोष का रूद्धाभिषेक करें..
बुद्धिचातुर्य से लाभ…
काम में सफलता…
निर्णय में विलंब से हानि…
राहु कृत दोषों की शांति के लिए –
ऊॅ रां राहवे नमः का जाप कर दिन की शुरूआत करें..
धतूरे की माला शिवजी में चढ़ायें..