Laagi Tum Sang Yaari : भजन, भक्ति गायन का एक रूप है। भजन गाने से मन शांत होता है और हृदय दिव्यता के लिए खुलता है। भजन गाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और एकाग्रता बढ़ती है भजन गाने का मकसद, भगवान की भक्ति करना, मन को शांत करना, और आध्यात्मिक अनुभव लेना होता है माना जाता कि भजन, कीर्तन या आरती के दौरान ताली बजाने के माध्यम से भक्त भगवान को अपने कष्टों को सुनने के लिए पुकारते हैं। ऐसा करने से भगवान का ध्यान भक्तों की तरफ जाता है, भगवान् प्रसन्न होकर साधक को मनचाहा आशीर्वाद देते हैं।
Laagi Tum Sang Yaari : आईये यहाँ प्रस्तुत है श्री बांकेबिहारी जी का अत्यंत मनमोहक भजन
लागी तुम संग यारी,
मेरे बांके बिहारी,
बांके बिहारी, मेरे कुंज बिहारी,
लागीं तुम संग यारी,
मेरे बांके बिहारी ॥
Laagi Tum Sang Yaari
कटी में पीताम्बर,
गले में है माला,
मुकुट को धारण,
किए है गोपाला,
घूंघराली लट कारी कारी,
मेरे बांके बिहारी,
लागीं तुम संग यारी,
मेरे बांके बिहारी ॥
Laagi Tum Sang Yaari
साँवरी सूरत के,
दर्शन तुम्हारे,
मुरली मनोहर,
जबसे निहारे,
बन बैठे तेरे पुजारी,
मेरे बांके बिहारी,
लागीं तुम संग यारी,
मेरे बांके बिहारी ॥
Laagi Tum Sang Yaari
निधिवन में नित,
रास रचावे,
सब सखियाँ मिल,
गीत सुनावे,
नाचे है बारी बारी,
मेरे बांके बिहारी,
लागीं तुम संग यारी,
मेरे बांके बिहारी ॥
Laagi Tum Sang Yaari
श्री हरिदास के,
प्यारे हो तुम,
मेरी भी आँखों के,
तारे हो तुम,
चरण कमल बलिहारी,
मेरे बांके बिहारी,
लागीं तुम संग यारी,
मेरे बांके बिहारी ॥
Laagi Tum Sang Yaari
लागी तुम संग यारी,
मेरे बांके बिहारी,
बांके बिहारी, मेरे कुंज बिहारी,
लागीं तुम संग यारी,
मेरे बांके बिहारी ॥
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